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ऑस्ट्रेलिया की चुनौती के लिए कोहली और रोहित को फिर से जगानी होगी युवा मानसिकता : ग्रेग चैपल

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नई दिल्ली, 8 नवंबर . खराब फॉर्म से गुजर रहे विराट कोहली और रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपनी सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में पूर्व भारतीय कोच और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्रेग चैपल का मानना है कि इन दोनों स्टार खिलाड़ियों को फिर से युवा मानसिकता पर लौटने की जरूरत है.

न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 की हार के बाद, भारतीय टीम नवंबर 22 को शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया में इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी का बचाव करेगी. भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पिछले दोनों मौकों पर हुई बीजीटी सीरीज को जीता है.

चैपल ने कोहली और रोहित जैसे उम्रदराज खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक चुनौतियों पर चर्चा की. उन्होंने 2005 में सचिन तेंदुलकर से की गई बातचीत को याद किया, जिसमें तेंदुलकर ने पूछा था कि उम्र के साथ बल्लेबाजी मुश्किल क्यों लगती है. चैपल ने समझाया कि उम्र ढलने के साथ न केवल शारीरिक प्रतिक्रिया बल्कि मानसिक एकाग्रता भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है.

चैपल ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के एक कॉलम में लिखा, “बल्लेबाजी मुश्किल होती जाती है क्योंकि आपको यह अहसास होता है कि इस स्तर पर रन बनाना कितना कठिन है और फोकस बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है.”

यह सीरीज कोहली और रोहित के करियर में महत्वपूर्ण मोड़ पर आ रही है. न्यूजीलैंड के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद कोहली का टेस्ट औसत 47.83 पर आ गया है, जो 2016 के बाद से उनका सबसे कम है, और वह ICC टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष 20 से बाहर हो गए हैं. दूसरी ओर टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने भी अपनी फॉर्म में गिरावट देखी है और वह रैंकिंग में 26वें स्थान पर खिसक गए हैं.

कोहली के लिए यह सीरीज खुद को फिर से साबित करने का मौका है. अपनी आक्रामक शैली के लिए मशहूर कोहली पिछले साल से फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चैपल का मानना है कि कोहली को अपनी आक्रामकता को धैर्य और अनुभव के साथ संतुलित करना होगा.

चैपल के अनुसार, “जिस आक्रामक सोच ने उन्हें महान बनाया, उसे अब धैर्य और फोकस के साथ संतुलित करना होगा.”

रोहित के सामने दोहरी चुनौती है. बतौर कप्तान, उन्हें अपनी खुद की फॉर्म में वापसी करनी है और टीम का नेतृत्व भी करना है. ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर उनकी भूमिका में आक्रामक खेल और टेस्ट क्रिकेट में सावधानी का संतुलन बनाना होगा.

चैपल के अनुसार, “कप्तान के रूप में, उन्हें अपनी फॉर्म को बनाए रखना होगा और टीम का नेतृत्व करना होगा. यह संतुलन उन्हें भारत की सफलता के लिए साधना होगा.”

इस सीरीज को चैपल ने केवल एक प्रतियोगिता के रूप में नहीं, बल्कि दो क्रिकेट आइकॉन के लिए एक व्यक्तिगत परीक्षा के रूप में देखा है. इसमें उन्होंने स्टीव स्मिथ का भी नाम जोड़ा है.

चैपल ने आगे लिखा, “कोहली, रोहित और स्मिथ के लिए असली लड़ाई एक दूसरे के खिलाफ नहीं बल्कि समय के खिलाफ है. यह इनकी विरासत के महत्वपूर्ण अध्याय साबित होने जा रही है. इनमें से प्रत्येक महज एक स्टार खिलाड़ी से ऊपर है, ये खिलाड़ी उस दृढ़ता और कौशल के आइकन हैं जो हमारे खेल को परिभाषित करती है.”

एएस/

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