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मुर्शिदाबाद हिंसा पर भूपेश बघेल बोले- 'प्रजातंत्र में नहीं है इसका कोई स्थान'

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रायपुर, 14 अप्रैल . पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा पर राजनीति जारी है. इस बीच, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने शांति की अपील की है.

भूपेश बघेल ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर से बातचीत करते हुए कहा, “हिंसा की प्रजातंत्र में कोई जगह नहीं है. सभी लोग शांति बनाए रखें.”

भूपेश बघेल ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती की बधाई दी. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर सवाल उठाए. बघेल ने कहा, “आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है, लेकिन मैं भाजपा को याद दिलाना चाहूंगा कि अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि ‘क्या अंबेडकर-अंबेडकर लगा रखा है, इतना तो भगवान का नाम लेते तो सात जन्म में स्वर्ग मिल जाता’. यही उनका असली चेहरा है और वे सिर्फ दिखावे के लिए यात्रा कर रहे हैं.”

दरअसल, वक्फ संशोधन कानून के लागू हो जाने के बाद भी देश में इसके विरोध को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. वक्फ संशोधन कानून का तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. इस कानून के खिलाफ और इसके पक्ष में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी डाली गई हैं. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंसात्मक विरोध देखने को मिला. भाजपा टीएमसी सरकार को हिंसा की जिम्मेदार ठहरा रही है.

इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट की एक विशेष डिवीजन बेंच ने मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हाल के दिनों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक अशांति को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपाय पर्याप्त नहीं थे.

बेंच ने यह भी कहा कि अगर पहले सीएपीएफ तैनात किया गया होता, तो स्थिति इतनी गंभीर और अस्थिर नहीं होती.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, “केंद्रीय सशस्त्र बलों की पहले तैनाती से स्थिति को कम किया जा सकता था, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि समय पर पर्याप्त उपाय नहीं किए गए.”

खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिति गंभीर और अस्थिर है. बेंच ने अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और निर्दोष नागरिकों पर हुए अत्याचारों को रोकने की जरूरत पर बल दिया.

एफएम/

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