अगली ख़बर
Newszop

'अगर मुझे पता होता तो मैं सौदा नहीं होने देता', पुणे जमीन विवाद पर अजित पवार

Send Push

पुणे, 8 नवंबर . Maharashtra के उपChief Minister और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार ने Saturday को कहा कि अगर उन्हें पुणे के मुंडवा-कोरेगांव पार्क में उनके बेटे पार्थ पवार से जुड़े जमीन के लेन-देन के बारे में पता होता, तो वे इसे होने ही नहीं देते. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी जमीन (महार वतन) का सेल डीड नहीं होता, लेकिन अब यह देखना होगा कि लेन-देन कैसे हुआ.

डीप्टी सीएम ने कहा कि राज्य के राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति इस मामले की गहन जांच करेगी.

उन्होंने कहा कि राज्य Government को ऐसे लेन-देन से नुकसान नहीं होना चाहिए. कुछ लोगों ने अपनी हिम्मत दिखाई है और जब जांच होगी कि उन्होंने यह कैसे किया, तो सच्चाई सामने आ जाएगी. एक ऐसा लेन-देन कैसे हुआ जिसका पंजीकरण ही नहीं हो सकता? इस मामले में, बिक्री पत्र नहीं बनाया जा सकता. फिर भी, यह पता नहीं चल पाया है कि यह लेन-देन कैसे हुआ. हमें यह देखना होगा कि क्या इस मामले में किसी का कोई दबाव था.

पुणे के बोपोडी इलाके में अपने बेटे पार्थ पवार से जुड़े एक अन्य जमीन लेन-देन के बारे में उन्होंने कहा कि बोपोडी में हमारा किसी से कोई संबंध नहीं था, लेकिन इसमें हमारे परिवार का नाम था. मुझे इस लेन-देन की जानकारी नहीं थी, अगर मुझे पता होता तो मैं इसे भी नहीं होने देता. उन्होंने आगे कहा कि राज्य के राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व वाली छह सदस्यीय समिति पूरी जाँच करेगी और सच्चाई सामने आएगी.

इस मामले में अपने बेटे पार्थ पवार के खिलाफ First Information Report दर्ज न होने के सवाल पर पवार ने कहा कि मैंने राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का बयान देखा, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस लेन-देन के समय पंजीकरण कार्यालय में मौजूद लोगों के खिलाफ First Information Report दर्ज की गई है. इस मामले की जाँच के एक महीने के भीतर सच्चाई सामने आ जाएगी.

First Information Report में जिन नामों का जिक्र है, उनमें अमेडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता दिग्विजय पाटिल, पार्थ पवार के चचेरे भाई, मूल जमीन मालिकों के वंशजों के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शीतल तेजवानी, जिन्होंने बिक्री में मदद की और सौदा दर्ज करने वाले उप-पंजीयक रवींद्र तारू शामिल हैं.

राजस्व विभाग ने इस लेन-देन में उनकी भूमिका के लिए तारू और तहसीलदार सूर्यकांत येवाले को पहले ही निलंबित कर दिया है.

इससे पहले, उपChief Minister के चाचा और राकांपा-सपा प्रमुख शरद पवार ने इस मामले पर कहा, “Chief Minister देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए और समाज के सामने असली तस्वीर पेश की जानी चाहिए. मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता. लेकिन Chief Minister ने दावा किया है कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए और समाज के सामने असली तस्वीर पेश की जानी चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा था कि राज्य Government ने इस मामले में एक जांच समिति गठित की है. इसलिए, हमें देखना होगा कि इस समिति की रिपोर्ट से क्या मुद्दे सामने आते हैं.

पीएसके

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें