दोस्तो जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारतीय डाक विभाग भारत के पुराने विभागों में से एक हैं, जो अपनी किफ़ायती सेवाओं के लिए जाना जाता रही है। आज भी, भारत में कहीं भी पत्र और पार्सल बहुत कम खर्च में भेजे जा सकते हैं। ऐसे में भारतीय डाक विभाग ने रजिस्टर्ड बुक पोस्ट (RBP) सेवा बंद करने का निर्णय लाखों पाठकों और पुस्तक प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है। इस कदम का सीधा असर उनके खर्चों पर पड़ेगा। इस सेवा को बंद करने से पहले कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई थी। RBP विकल्प को डाक सॉफ्टवेयर से हटा दिया गया है, आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स-

अचानक बंद होना
17 दिसंबर से, भारतीय डाक ने बिना किसी पूर्व सूचना या सार्वजनिक घोषणा के रजिस्टर्ड बुक पोस्ट सेवा बंद कर दी है।
व्यापक प्रभाव
भारतीय डाक 19,101 पिन कोड को कवर करता है और देश भर में इसके 1.54 लाख डाकघर हैं। पहले, यह न केवल पत्र और दस्तावेज़, बल्कि किफ़ायती दरों पर किताबें भी पहुँचाता था।

कीमतों में भारी अंतर
आरबीपी पार्सल की तुलना में काफ़ी सस्ता था। उदाहरण के लिए:
1 किलो आरबीपी: ₹32, जबकि पंजीकृत पार्सल: ₹78
2 किलो आरबीपी: ₹45, जबकि पार्सल: ₹116
5 किलो आरबीपी: ₹80, जबकि पार्सल: ₹229
पुस्तक प्रेमियों पर बोझ
आरबीपी के बंद होने से, पुस्तक खरीदारों को अब महंगी पार्सल सेवाओं या निजी कूरियर पर निर्भर रहना पड़ेगा, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
निजीकरण की चिंताएँ
यह कदम भारत में निजीकरण किए जा रहे अन्य क्षेत्रों की तरह, पुस्तक डाक सेवाओं को धीरे-धीरे निजी कंपनियों को सौंपने की योजना का हिस्सा है।
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