अवैध धर्मांतरण के मामले में घिरे मुख्य आरोपी छांगुर बाबा ने पूछताछ के दौरान एक बड़ा खुलासा किया है, जो न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि पूरे गिरोह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को बेनकाब करता है। रिमांड के चौथे दिन जब एटीएस अधिकारियों ने उससे गहन पूछताछ की, तब उसने माना कि उसका नेटवर्क सबसे ज़्यादा दुबई और नेपाल में फैला हुआ है – और इस नेटवर्क की कमान संभाल रही थी कोई और नहीं बल्कि नीतू उर्फ नसरीन, जो उसके बेहद करीबी सहयोगियों में से एक मानी जाती है।
छांगुर ने बताया कि विदेशों से आने वाली फंडिंग और संस्थाओं को आर्थिक सहयोग दिलाने की जिम्मेदारी नसरीन की ही थी। कोई भी व्यक्ति यदि मदद चाहता था, तो उसे सीधे नसरीन से संपर्क करने को कहा जाता था। रविवार को भी पूछताछ में सबसे ज्यादा सवाल विदेशी फंडिंग और पैसों के लेनदेन को लेकर ही किए गए।
बार-बार दोहराया एक ही जवाब – ‘मैंने जबरन धर्मांतरण नहीं कराया’
एटीएस सूत्रों के मुताबिक जब भी छांगुर बाबा से धर्मांतरण की प्रक्रिया को लेकर सवाल किया जाता, वह बार-बार यही जवाब देता कि किसी का जबरन धर्मांतरण नहीं कराया गया, सभी ने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया। जब उससे सालाना उर्स के बारे में पूछा गया तो वह बोला – “हर साल उर्स दरगाह के पास होता था, और उसमें हर धर्म के लोग शामिल होते थे।” लेकिन जब सवाल थोड़ा तीखा हुआ – जैसे कि क्या किसी को पैसे देकर धर्म बदलवाया गया, तब छांगुर ने गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया।
फंडिंग का असली खेल – नसरीन ने ठीकरा छांगुर पर फोड़ा
छांगुर बाबा की मौजूदगी में जब नीतू उर्फ नसरीन से यह पूछा गया कि विदेशों से आई रकम कहां खर्च होती थी, तो उसने बिना हिचकिचाए छांगुर की ओर इशारा किया और कहा: “ये ही तय करते थे कि कितनी रकम कहां खर्च की जाएगी।” ऐसे में एटीएस अफसरों का शक और गहराता चला गया। दोनों के बयानों में तालमेल की कमी और जवाबों में विरोधाभास साफ नजर आया, जिस पर अधिकारी सख्त हो गए और पूछताछ का तरीका और भी सख्त किया गया।
खाते और लेनदेन की जानकारी में भी सामने आए झोल
जब एटीएस ने दोनों से यह जानना चाहा कि कितने बैंक खाते कहां-कहां हैं और गिरोह के बाकी सदस्यों से कौन जुड़ा है, तो दोनों के जवाब फिर से मेल नहीं खाए। छांगुर ने कहा कि उसे सिर्फ अपने खाते की जानकारी है। वहीं नसरीन ने बताया कि उसके नाम पर 8 खाते हैं, जिनमें से 3 खाते अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियों के लिए आर्थिक नेटवर्क भी बहुत ही संगठित और रणनीति से तैयार किया गया था।
जल्द ही आजमगढ़ और श्रावस्ती में भी पूछताछ संभव
सूत्रों के मुताबिक, एटीएस अब इस मामले की कड़ियों को जोड़ते हुए आजमगढ़ और श्रावस्ती तक पहुंचने की तैयारी कर रही है, जहां से कथित रूप से इस पूरे षड्यंत्र की कई जड़ें जुड़ी हो सकती हैं।
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