नकली खाद और बीज के खिलाफ कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाइयों से खाद और बीज विक्रेता बेहद नाराज हैं। इस नाराजगी के चलते उन्होंने आज (शुक्रवार) पूरे राजस्थान में बीज की दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है। यह विरोध राजस्थान एग्रीकल्चर इनपुट डीलर्स एसोसिएशन (RAIDAA) के नेतृत्व में दर्ज कराया जाएगा।
प्रदेशभर में हड़ताल का ऐलान
इसी क्रम में आज (शुक्रवार) प्रदेशभर में खाद-बीज विक्रेताओं ने अपनी दुकानें बंद रखने का आह्वान किया है। खाटू श्यामजी, रींगस सहित कई जिलों में बीज की दुकानें सुबह से ही बंद देखी गईं। इसके चलते किसान वर्ग को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कृषि इनपुट व्यापार पर पड़ेगा असर
RAIDAA के सदस्यों ने गुरुवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में इस विरोध की घोषणा की। RAIDAA अध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि किशनगढ़ में की गई अचानक जांच को वे गलत नहीं मानते, लेकिन गंगानगर में जो कार्रवाई हुई, वह पूर्णतः अनुचित थी। इस तरह की कार्रवाई से कृषि इनपुट व्यापार पर सीधा असर पड़ता है।
“बिना वजह आतंकित करना ठीक नहीं” – RAIDAA अध्यक्ष
RAIDAA अध्यक्ष खंडेलवाल ने आगे कहा कि कृषि विभाग द्वारा उत्पादकों को कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही जांच के दौरान कोई ठोस अनियमितता पाई गई। फिर भी विभाग के अधिकारी परिसर में घुसकर आतंक का माहौल बना रहे हैं और बीजों को नकली बता रहे हैं – जो कि पूरी तरह से अनुचित है।
बीज निर्माताओं का समर्थन भी मिला
कृषि आयुक्त की ओर से बीज वितरकों की 3 दिन में जांच करने का आदेश जारी किया गया है और 255 बीज निर्माताओं की सूची भी प्रकाशित की गई है। यह आदेश भी व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। RAIDAA ने बताया कि बीज निर्माता संघ भी इस आंदोलन में उनके साथ है और उन्होंने बीजों की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। गंगानगर और हनुमानगढ़ में तो बीज निर्माता और विक्रेता हड़ताल पर चले गए हैं और कई फैक्ट्रियों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
“कृषि मंत्री का रवैया अनुचित” – RAIDAA अध्यक्ष
RAIDAA अध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री को यह जानकारी नहीं दी गई कि बीजों का निर्माण कैसे होता है। बीज उपचार के लिए रसायनों का प्रयोग सामान्य प्रक्रिया है। बीजों को रंगने की बात करके उन्हें नकली बताना सरासर गलत है। उन्होंने यह भी बताया कि बीजों का समय-समय पर अंकुरण परीक्षण भी किया जाता है, ऐसे में नकली होने का सवाल ही नहीं उठता। RAIDAA ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे और आवश्यक हुआ तो कोर्ट की शरण में भी जाएंगे।
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