लाइव हिंदी खबर :-नि:संतान को संतान की प्राप्ति और संतान की उन्नति के लिए आज का दिन बेहद ही खास है। संतान सप्तमी भादप्रद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पड़ता है। इस दिन संतान की प्राप्ति और उसकी रक्षा और तरक्की के लिए लोग भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं और अपनी संतान के लिए लोग शिव व पार्वती की कामना करते हैं और व्रत रखते हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे की संतान सप्तमी क्या है और इसकी पूजन विधि व महत्व क्या है।
क्यों मनाया जाता है संतान सप्तमी
इसके पीछे एक कथा बेहद ही प्रचलित है कहा जाता है कि एक बार श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया, किसी समय मथुरा में लोमश ऋषि आए। मेरे माता-पिता देवकी व वसुदेव ने उनकी सेवा की। ऋषि ने कंस द्वारा मारे गए पुत्रों के शोक से उबरने के लिए उन्हें संतान सप्तमी व्रत करने को कहा और व्रत कथा बताई। इसके अनुसार नहुष अयोध्यापुरी का प्रतापी राजा था। पत्नी का नाम चंद्रमुखी था। उसके राज्य में विष्णुदत्त नामक ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम रूपवती था। रानी चंद्रमुखी व रूपवती में घनिष्ठ प्रेम था। एक दिन वे दोनों सरयू में स्नान करने गईं। वहां अन्य स्त्रियां भी स्नान कर रहीं थीं। उन स्त्रियों ने वहीं पार्वती-शिव की प्रतिमा बनाकर विधिपूर्वक पूजन किया। रानी चंद्रमुखी व रूपवती ने उनसे पूजन का नाम व विधि पूछी। उन स्त्रियों में से एक ने बताया- यह व्रत संतान देने वाला है।
पूजन विधि
संतान सप्तमी पूजन के लिए सामान्य व्रत की तरह सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। पूजा के दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके बाद भगवान शंकर और मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। इसके पश्चात भगवान को फूल, फल, धूप, प्रसाद आदि अर्पित करें। इस दौरान निहाहार सप्तमी व्रत का सकंल्प लें और कथा अवश्य सुनें।
संतान सप्तमी के व्रत की महत्ता है। इस व्रत को माताएं बच्चों की सलामती, उन्नति, संतान प्राप्ति, तरक्की, स्वास्थ्य आदि के लिए रखती हैं। इस दिन व्रत करने से भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा से जिन माताओं को बच्चों का सुख नहीं मिला होता वह भी प्राप्त होता है।
You may also like
कान्स फिल्म फेस्टिवल में सितारों का जलवा और जूनियर एनटीआर का जन्मदिन
20 मई की सुबह मोती की तरह चमकेगी इन राशियों की किस्मत
चाचा ने लड़की के प्राइवेट पार्ट में उंगली डालकर खून निकाला, बदला लेने के लिए कदम, एमपी हाई कोर्ट का फैसला जान लीजिए
अलग-अलग सड़क हादसों में मां-बेटे समेत छह की मौत, तीन घायल
सद्दाम हुसैन के परमाणु ऑफर को मारी लात, भारत को बनाया न्यूक्लियर पावर... कहानी पोखरण के हीरो राजा रमन्ना की