लाइव हिंदी खबर :- मान्यता है कि जीवन में सुख, समृद्धि प्राप्त करने के लिए ईश्वर के आशीर्वाद और उनके सानिध्य की जरूरत होती है। कहा जाता है कि अगर सुबह आंख खोलते ही भगवान की अलौकिक सुंदरता के दर्शन हो जाए तो वो दिन सफल हो जाता है। ईश्वर के दर्शन करने को तो हर हाल में शुभ और सफलता का कारक माना गया है। लेकिन कुछ स्वरूप ऐसे भी होते हैं, जिनका दर्शन करना नुकसानदेह साबित हो सकता है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान के कुछ स्वरूप ऐसे भी होते हैं, जिनका दर्शन करने से दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि गणेश जी का पीठ के दर्शन करने से क्यों माना जाता है। क्या कारण है कि गणपति के पीठ के दर्शन को अशुभ माना गया है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य भी माना जाता है। बुधवार के दिन लोग मंदिरों में जाकर गजानन के दर्शन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश जी के पीठ का दर्शन करने से मनुष्य का दुर्भाग्य आता है। इतना ही नहीं भगवान गणेश के पीठ का दर्शन करना किसी भी दृष्टिकोण से शुभ नहीं माना गया है।
इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि भगवान गणेश जी के इस स्वरुप को घर में नहीं रखना चाहिए। माना जाता है कि इस स्वरूप में रखने भर से मनुष्य का दुर्भाग्य के द्वार खुल जाते हैं। यही कारण है कि शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि प्रथम पूज्य गणेश जी के ऐसे स्वरुप का दर्शन करना विनाश का कारण बन सकता है। खासकर भगवान गणेश की पीठ देखने से दरिद्रता हाथ लगती है।
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