Next Story
Newszop

Chanakya Niti : चाहे कितना भी सगा हो, ऐसे लोगों को धन देने से बिल्कुल मना करते हैं आचार्य चाणक्य

Send Push
Chanakya Niti : चाणक्य नीति में रोजमर्रा के कामकाज के दौरान सामने आने वाली बातों में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, इन चीजों का विस्तार से वर्णन किया है। आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, समाज, राजनीति, शासन, न्याय और जीवन की रीति-नीति से जुड़ी बातों को बेहतरीन तरीके से समझाया है। उनकी नीतियां आज के दौर में भी इतनी प्रासंगिक हैं कि व्यक्ति उनका पालन करके कई तरह की समस्याओं से आसानी से निपट सकता है। उन्होंने धन को लेकर साफगोई से बताया है कि किन लोगों को कभी धन नहीं देना चाहिए। ऐसा करके आप अपने धन की हानि करते हैं। साथ ही आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि किन लोगों को धन देकर आप खुद का भी लाभ कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य से जानें किन लोगों को कभी धन नहीं देना चाहिएचाणक्य नीति में धन के सदुपयोग को लेकर एक श्लोक के जरिए आचार्य चाणक्य ने समझाया है। वह कहते हैंः वित्तं देहि गुणान्वितेषु मतिमान्नान्यत्र देहि क्वचित्,प्राप्तं वारिनिधेर्जलं धनयुचां माधुर्ययुक्तं सदा।जीवाः स्थावर जंगमाश्च सकला संजीव्य भूमण्डलं, भूयं पश्य तदैव कोटिगुणितं गच्छन्त्यम्भोनिधिम्।।चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हे बुद्धिमान मनुष्य, सिर्फ गुणी लोगों को ही धन देना चाहिए। अगुणी लोगों को कभी भी धन नहीं देना चाहिए। जिस तरह बादल सागर से पानी लेकर मधुर जल की वर्षा करता है, ठीक उसी तरह धनी लोगों को उन्हीं मनुष्यों को धन देना चाहिए, जो योग्य हो। इसका आशय इस तरह है कि बादल सागर से पानी लेते हैं और बारिश करते हैं। इससे धरती पर मनुष्य, पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं का जीवन चलता है। पर्यावरण का संतुलन बना रहता है। यही जल नदियों के माध्यम से और ज्यादा होकर समुद्र को वापस मिल जाता है। ठीक इसी प्रकार योग्य व्यक्ति को धन की जरूरत हो तो उसकी मदद करनी चाहिए। वह अपने कारोबार या कार्यों के जरिए उस धन से कई लोगों का भला कर सकता है। यही नहीं वह मदद करने वाले को भी इसी धन से लाभ दे सकता है। आचार्य चाणक्य से जानें किन कार्यों में खर्च करना चाहिए धन उपार्जितानां विक्तानां त्याग एव हि रक्षणम्।तड़ागोदरसंस्थाना परिदाह इदाम्मससाम्।।चाणक्य नीति में कहा गया है कि कमाया हुए धन का सदुपयोग करना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि तालाब के जल को साफ रखने के लिए उसका बहते रहना बेहद जरूरी है। इसी तरह कमाए हुए धन का अच्छा कार्यों में खर्च करना ही उसकी रक्षा करने का उपाय है। यानी धन का त्याग करते रहना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो व्यक्ति में बुराइयां आ जाती हैं। इसलिए धन को अच्छे कार्यों में खर्च करते रहना चाहिए। इससे धन की रक्षा होती है।
Loving Newspoint? Download the app now