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शादी के नौ साल बाद हुई बेटी, तीन बार हुआ एबॉर्शन, पहले तीन महीने में ही खुल जाता था बच्चेदानी का मुंह

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हर इंसान का शरीर अलग होता है और हर किसी के शरीर के काम करने की प्रक्रिया भी अलग होती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि जो एक ट्रीटमेंट किसी एक व्‍यक्‍ति पर कारगर हो, वो दूसरे के लिए भी फायदेमंद साबित हो। यही बात फर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी लागू होती है। कोई महिला नैचुलरी कंसीव क्‍यों नहीं कर पा रही है, इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं और फिर उसका ट्रीटमेंट भी अलग तरह से होता है।

इनफर्टिलिटी एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर ने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो में बताया कि एक महिला का तीन बार एबॉर्शन हो चुका था और उसके गर्भ में बच्‍चा ठहर नहीं पा रहा था। जानिए कि फिर कैसे इस महिला ने कंसीव किया।

सभी फोटो साभार: freepik


देखें वीडियो​

शादी के नौ साल बाद हुआ बच्‍चा image

वीडियो में डॉक्‍टर ने बताया है कि इस महिला को शादी के नौ साल बाद बेबी गर्ल हुई है और इससे पहले उसके तीन बार एबॉर्शन या मिसकैरेज हो चुके हैं। डॉक्‍टर अंशु जिंदल ने कहा कि जांच में पता चला कि महिला के यूट्रस में एडिनोमायोसिस है और बच्‍चेदानी का मुंह भी छोटा हो गया है।


क्‍या है मतलब image

डॉक्‍टर ने बताया कि इसमें जैसे ही प्रेगनेंसी ठहरती है, बच्‍चेदानी का मुंह प्रेगनेंसी को सपोर्ट नहीं कर पाता है। इससे यूट्रस का मुंह खुल जाता है और समय से पहले बच्‍चा एबॉर्ट हो जाता है। इस महिला को प्रेगनेंसी के 14वें हफ्ते में यूट्रस में टांका लगाया जिसके बाद उनकी प्रेगनेंसी ठहर पाई और उन्‍होंने बेबी गर्ल को जन्‍म दिया।


एडिनोमायोसिस क्‍या है image

Mayoclinicके अनुसार जब एंडामेट्रियल टिश्‍यू गर्भाशय की मस्‍कुलर दीवार में विकसित करने लगता है, तब एडिनोमायोसिस की समस्‍या उत्‍पन्‍न होती है। इसमें पीरियड्स के दौरान ज्‍यादा और लंबे समय तक ब्‍लीडिंग हो सकती है। पेल्विक हिस्‍से में तेज दर्द हो सकता है।


किस बात का रहता है खतरा image

इसमें डिलीवरी सिजेरियन तरीके से होती है या फिर फाइब्रॉएड को निकालना पड़ सकता है। इसकी वजह से दीर्घकालिक एनीमिया हो सकता है जिससे महिलाएं बहुत थका हुआ और कमजोर महसूस करती हैं।


और क्‍या परेशानी थी image

Mayoclinic के अन इस महिला को इंकंपिटेंट सर्विक्‍स की भी परेशानी थी जिसमें सर्विकल टिश्‍यू कमजोर हो जाता है। इसके कारण मिसकैरेज या प्रीमैच्‍योर डिलीवरी हो सकती है। इसे सर्विकल इनसफिशिएंसी भी कहते हैं। प्रेगनेंसी से पहले यह बंद होता है और डिलीवरी के समय ही खुलता है। प्रसव से पूर्व सर्विक्‍स के खुलने के कारण मिसकैरेज होने का खतरा बढ़ जाता है।

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