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दुनिया भर में करोड़ों लोग झेल रहे IBS की तकलीफ, आपको भी रहता है सूजन, दर्द या ऐंठन तो 5 फूड्स से बना लें दूरी

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इरिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी IBS आज के समय में एक आम समस्या बन चुका है, जो पेट और आंतों को प्रभावित करता है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में 5-10% आबादी को IBS है। इससे जूझ रहे मरीज ऐंठन, पेट दर्द, बेचैनी, सूजन, गैस और दस्त या कब्ज जैसे लक्षणों से परेशान रहते हैं।

आईबीएस क्यों होता है, इसकी वजह तो निश्चित नहीं है। हालांकि इसके कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं, जैसे कि: ब्रेन और आंत के बीच खराब संचार, आंतों में संक्रमण या भोजन के प्रति संवेदनशीलता। लेकिन ऐसा नहीं है कि आईबीएस को मैनेज नहीं किया जा सकता है।

IBS वाले केवल कुछ ही लोगों में गंभीर लक्षण होते हैं। बाकी अन्य लोग अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस को मैनेज करके इसके लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसे फूड्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिनसे अगर आपको आईबीएस है तो दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि इससे स्थिति और भी खराब हो सकती है।

Photos- Freepik


आईबीएस में क्या न खाएं? image

अगर आपकोआईबीएस से राहत पानी है तो फिर इन फूड्स से दूरी बनाने में ही समझदारी है-


दूध image

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम रहे लोगों को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें लैक्टोज होता है। इसके अलावा उन फूड आइटम्स से भी बचना चाहिए, जिनमें लैक्टोज होता है,जैसे कि पनीर और आइसक्रीम,क्योंकि ये खाद्य पदार्थ लैक्टोज इनटॉलेरेंस लोगों में गैस और ब्लोटिंग का कारण बन सकते हैं।


कैफीन image

इसके अलावा कैफीन से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह डायरिया को बढ़ा सकता है, जो आईबीएस का एक प्रमुख लक्षण है। कैफीन के उच्च स्रोतों में कॉफी,चाय,कोला पेय,चॉकलेट आदि शामिल हैं।


कार्बोनेटेड पेय image

जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के मुताबिक (ref), अगर आप आईबीएस के लक्षणों से पीड़ित हैं और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीते हैं तो इसे छोड़ने में ही भलाई है। क्योंकि सोडा और सेल्ट्ज़र जैसे पेय पदार्थों में बुलबुले जीआई ट्रैक्ट में एक समान फिजी प्रभाव पैदा कर सकते हैं।


ग्लूटेन image

आईबीएस में ग्लूटेन वाली चीजों को भी अवॉइड करने की सलाह दी जाती है। ग्लूटेनएक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं,जौ और राई जैसे अनाजों में पाया जाता है। कुछ लोगों में ग्लूटेन के सेवन से पेट की समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहीं, अध्ययन में भी सामने आया है कि ग्लूटेन फ्री डाइट आईबीएस के लक्षणों में सुधार कर सकता है।


फ्राइड फूड्स image

इसके अलावा अगर आईबीएस से पीड़ित हैं तो तले हुए खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इनमें फैट की मात्रा अधिक होती है, जोIBSवाले लोगों के लिए डाइजेस्टिव सिस्टम पर कठिन हो सकती है। ऐसे फूड आइटम्स को पचाना अधिक कठिन हो जाता है। ऐसे में तलने के बजाय आप अपने फेवरेट फूड्स को ग्रिल, बेक या एयर फ्राई कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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