वॉक करना एक ऐसी एक्सरसाइज़ है जिसे किसी भी उम्र का इंसान बिना ज्यादा मेहनत के कर सकता है। यही वजह है कि इसे सबसे सुरक्षित और प्रभावशाली तरीका माना जाता है सेहतमंद रहने का। डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं कि रोज़ाना थोड़ा बहुत चलना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हम ज़रूरत से ज़्यादा वॉक करने लगें, तो क्या होगा? हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च ने इस सोच को पलट कर रख दिया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि अगर आप तय सीमा से ज्यादा वॉक करते हैं, तो यह फायदे की जगह नुकसान भी कर सकता है।
रिसर्च के मुताबिक, अधिक चलने से मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे थकावट, कमजोरी और बॉडी में स्ट्रेस बढ़ सकता है। इतना ही नहीं, यह नींद के पैटर्न को भी प्रभावित कर सकता है और इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम वॉक को भी एक बैलेंस के साथ करें, ताकि इसके अधिकतम लाभ मिल सकें और कोई साइड इफेक्ट न हो। (Photo Credit):iStock
वॉक करना फायदेमंद, लेकिन हद में
चलना एक नैचुरल एक्टिविटी है और यह दिल, दिमाग और शरीर तीनों के लिए फायदेमंद है। रोज़ाना 30 से 45 मिनट की वॉक से हार्ट हेल्थ सुधरती है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और स्ट्रेस कम होता है। लेकिन जब हम इसे एक आदत से आगे ले जाकर घंटों करने लगते हैं, तब ये लाभ धीरे-धीरे नुकसान में बदल सकते हैं। ज़रूरत है सही जानकारी की कि कितनी वॉक आपके शरीर के लिए सही है, ताकि आप सेहतमंद भी रहें और थकावट का शिकार भी न हों।
ओवर वॉकिंग से शरीर पर दबाव
अमेरिकन रिसर्च के मुताबिक, जरूरत से ज्यादा वॉक करने से मांसपेशियों पर अत्यधिक लोड पड़ता है। लगातार ज्यादा चलने से शरीर को आराम नहीं मिलता और रिकवरी का समय घट जाता है। इसका असर सीधे तौर पर आपकी एनर्जी लेवल, मूड और हेल्थ पर पड़ता है। कुछ लोग तेजी से वजन घटाने या फिट दिखने के चक्कर में घंटों चलते हैं, जिससे उनके घुटनों और टखनों पर असर पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि वॉक करते समय शरीर की सीमाओं को समझा जाए।
नींद और मूड पर असर डाल सकती है ज्यादा वॉक
कई बार हम सोचते हैं कि ज्यादा चलने से थकान होगी और इससे नींद अच्छी आएगी। लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। ज़रूरत से ज्यादा वॉक करने से शरीर के हार्मोन्स प्रभावित होते हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। इसके साथ ही मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और अनचाही थकावट महसूस हो सकती है। जब शरीर थकता है तो उसे रेस्ट चाहिए, ना कि लगातार एक्टिविटी। इसलिए बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है।
इम्यून सिस्टम भी हो सकता है कमजोर
शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है। लेकिन ओवर वॉकिंग से शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ सकती है जो इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकती है। इसका सीधा असर आपकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता पर पड़ता है। कुछ लोग सोचते हैं कि रोज़ाना घंटों वॉक करना सेहत को मजबूत बनाएगा, लेकिन इससे इम्यूनिटी पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है।
कितना चलना है सही – जानें विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ (Ref) मानते हैं कि उम्र, शारीरिक क्षमता और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर वॉक की सीमा तय की जानी चाहिए। आमतौर पर दिन में 7,000 से 10,000 कदम चलना पर्याप्त माना जाता है। इससे ज्यादा अगर आप चलना चाहते हैं तो ब्रेक लेकर चलें और बीच-बीच में शरीर को आराम दें। वॉक को एक्सरसाइज़ की तरह लें, न कि ओबसेशन की तरह। साथ ही डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट की राय भी लें, ताकि आपकी सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
डिस्क्लेमर:यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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