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अब 'अभियंता' की बारी : जब भाषा बनाए पहचान की राह

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बराबरी की भाषा मुहिम में अब हम एक और नया शब्द लेकर आए हैं - ‘अभियंता’। यह शब्द अंग्रेज़ी के Engineer का हिंदी रूपांतरण है और इसकी जड़ें संस्कृत शब्द ‘यंतृ’ से निकली हैं, जिसका अर्थ होता है - नियंत्रणकर्ता, निर्देशक, संचालक या सारथी। इसीलिए अभियंता न सिर्फ़ एक तकनीकी पेशा है, बल्कि एक भूमिका भी है, जो दिशा देता है, बनाता है और आगे बढ़ाता है।



लेकिन ज़रा ठहरिए, जब हम कहते हैं अभियंता, तो क्या वह सिर्फ़ पुरुष होता है? एक महिला अभियंता के लिए भी अगर हम ‘अभियंता’ ही कहते हैं, तो उसमें कहीं न कहीं पहचान की असमानता छुपी रहती है। एक महिला अगर इंजीनियर है और वह कहे – ‘मैं अभियंता हूं’, तो भाषा उसे पुरुष बना देती है। उसका लिंग, उसकी पहचान, सब कुछ छुप जाता है। वह ‘महिला अभियंता’ कहलाती है जबकि पुरुष अभियंता को बस ‘अभियंता’ कहने से ही उसकी पहचान पूरी हो जाती है। क्यों? क्या पहचान के लिए हमेशा ‘महिला’ शब्द जोड़ना ज़रूरी है? क्या हम एक ऐसा शब्द नहीं बना सकते जो खुद में स्त्रीलिंग हो? यह ज़रूरी सवाल है क्योंकि यह सिर्फ़ भाषा का मसला नहीं, समानता और सम्मान का मसला है।



जब भाषा किसी पेशे को सिर्फ़ पुरुषों से जोड़ती है, तो समाज भी उसी ढांचे में सोचने लगता है। इसका असर सिर्फ़ शब्दों पर नहीं पड़ता। इसका सीधा असर उस पेशे में महिलाओं की मौजूदगी, उनका आत्मविश्वास और उनकी स्वीकार्यता पर पड़ता है। इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आज भी महिलाओं की संख्या तुलनात्मक रूप से कम है। कॉलेजों में दाख़िले के आंकड़ों में भले बराबरी दिखती हो, लेकिन सीनियर पदों पर, निर्णायक भूमिकाओं में या R&D लैब्स में महिलाएं बहुत कम दिखती हैं। क्यों?



क्योंकि ‘अभियंता’ शब्द सुनते ही हमारे ज़ेहन में एक हेलमेट पहने, औज़ार थामे एक पुरुष की छवि बनती है। महिलाओं को उस छवि में फिट करने के लिए हमें ‘महिला अभियंता’ कहना पड़ता है, जो अपने आप में दर्शाता है कि वह ‘मुख्यधारा’ नहीं है, बल्कि एक अपवाद के रूप में वहां मौजूद हैं।



तकनीकी संस्थानों में महिलाओं के साथ भेदभाव, हेट स्पीच, यहां तक कि यौन उत्पीड़न भी व्यापक स्तर पर सामने आया है। कई महिला इंजीनियरों ने माना है कि उन्हें फैसले लेने के मौके कम मिलते हैं, उनकी राय को कम अहमियत दी जाती है और अक्सर उन्हें अपनी ‘तकनीकी दक्षता’ बार-बार साबित करनी पड़ती है। भाषा इसमें एक चुपचाप अपराधी बन जाती है। जब वह पहचान छीन लेती है, तो असमानता को और मजबूत कर देती है।



तो क्या हो स्त्रीलिंग?NBT की इस पहल में हम अब पाठकों के सामने एक नया विकल्प रख रहे हैं- अभियंता का स्त्रीलिंग क्या हो? अभियंता का यंता यंतृ से बना है जिसका मतलब है सारथी, नियंत्रणकर्ता, निर्देशक आदि। यह आकारांत शब्द है। इससे तीन तरह के शब्द बन सकते हैं।अभियंत्री (जैसे अभिनेतृ से अभिनेता और अभिनेत्री, वैसे ही अभियंतृ से अभियंता और अभियंत्री), अभियंती (जैसे घोड़ा से घोड़ी), अभियंतिन या अभियंतिनी।



हमारे सुझाव हैं:

  • अभियंत्री
  • अभियंती
  • अभियंतिन
यह तय करना सिर्फ़ व्याकरण का मामला नहीं है, यह तय करना भविष्य का लिंग गढ़ने जैसा है।



‘बराबरी की भाषा’ कोई शब्दकोश सुधार परियोजना नहीं है। यह पहचान लौटाने का अभियान है, उन महिलाओं को जिनका पेशेवर वजूद भाषा में अब तक रहा है। हमने पहले ‘चित्रकारा’, ‘विजेत्री’, ‘निवेशिका’, ‘पत्रकारा’, ‘सैनिका’ जैसे शब्दों को लोगों की भागीदारी से गढ़ा। अब बारी है ‘अभियंता’ की।



तो आइए, जुड़िए इस चर्चा में। बताइए, क्या होना चाहिए अभियंता का स्त्रीलिंग? क्योंकि भाषा में जब बराबरी होती है, तभी समाज में भी होती है।



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