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दूतावास में बैकडोर से एंट्री और राजनयिक से अफेयर... रहस्यमयी तरीके से गायब हुई रूसी महिला और बच्चा, जानिए पूरी कहानी

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नई दिल्ली: कर्नाटक के जंगलों में अपने बच्चों के साथ मिली रूसी महिला का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। वहीं अब एक और रूसी महिला का मामला चर्चा में आ गया है। मामले में रूसी महिला और उसका साढ़े चार साल का बेटा 7 जुलाई 2025 से लापता है। इससे उनकी बच्चे की कस्टडी की लड़ाई में नया मोड़ आ गया है। रूसी महिला के पति जो कि भारतीय नागरिक हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि महिला का रूसी दूतावास के किसी राजनयिक से साथ संबंध हैं।



पति ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने उसे आखिरी बार अपनी पत्नी को 4 जुलाई को रूसी दूतावास के पिछले दरवाजे से अंदर जाते हुए देखा था। पति ने आरोप लगाया है कि महिला का एक राजनयिक के साथ संबंध हैं। कोर्ट ने दूतावास को सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कोई राजनयिक शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।



सुप्रीम कोर्ट ने महिला के लिए जारी किया लुकआउट नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को केंद्र सरकार को रूसी महिला के लिए लुकआउट नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। बच्चे के पिता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी 4 जुलाई को नई दिल्ली में रूसी दूतावास के पिछले दरवाजे से अंदर जाते हुए देखी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उसका दूतावास के एक राजनयिक के साथ संबंध था। आदमी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस बच्चे की सुरक्षा करने में विफल रही, जिससे कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ।



महिला का पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने 17 जुलाई को अधिकारियों को महिला का पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों, बंदरगाहों और इमीग्रेशन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि महिला और बच्चा देश छोड़कर न जाएं।



पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा, 'विभिन्न दूतावासों द्वारा पारस्परिक आधार पर प्राप्त की जाने वाली सौहार्द, राजनयिक संबंधों और स्वायत्तता को ध्यान में रखते हुए, हम भारत में रूसी दूतावास के अधिकारियों के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं कर रहे हैं।'



कोर्ट ने आगे कहा, 'हालांकि, हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि अगर पुलिस रिपोर्ट के आधार पर, हमें पता चलता है कि उक्त दूतावास से जुड़ा कोई भी राजनयिक कर्मी मामले में इस देश के दंड कानूनों के ढांचे के भीतर अपराध करता है, तो कानून को अपना काम करना चाहिए।'



सुप्रीम कोर्ट ने किया दूतावास से सहयोग का आग्रह

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में रूसी दूतावास से सहयोग करने के लिए कहा। कोर्ट ने रूसी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों आग्रह किया है कि वह भारतीय अधिकारियों, दिल्ली पुलिस को अपने आदेशों को लागू करने में सहायता करें।



वहीं कोर्ट ने महिला के वकील को उसकी जानकारी के बारे में अस्पष्ट जवाब देने के लिए फटकार लगाई, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा हुआ। आदेश को अनुपालन के लिए वरिष्ठ कानूनी और पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करने का निर्देश दिया गया।



कोर्ट के अनुसार, 'गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों को भी इस आदेश को भारत के भीतर सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और अन्य बंदरगाहों तक पहुंचाने का निर्देश दिया जाता है, और इमिग्रेशन अधिकारियों को सूचित किया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता (महिला) और नाबालिग बच्चे को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है।



बच्चे की कस्टडी समझौते के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने शुरू में फैसला सुनाया था कि बच्चा दिन में 20 घंटे पिता के साथ और बाकी चार घंटे मां के साथ रहेगा। यह व्यवस्था दो महीने तक जारी रहनी थी। बाद में, कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन किया, जिससे मां को सप्ताह में तीन दिन कस्टडी मिली, जबकि पिता को बाकी चार दिन कस्टडी मिली।



2019 से भारत में रह रही महिला

बच्चे की मां एक रूसी नागरिक जो 2019 से भारत में X-1 वीजा पर रह रही है। उसका वीजा कोर्ट द्वारा चल रही कार्यवाही के दौरान समय-समय पर बढ़ाया गया है।



सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को माता-पिता के घरों की निगरानी करने का निर्देश जारी किया। कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस महिला पर नजर रखने में विफल साबित हुई। अब महिला रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई है।



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