बालाघाट: मानवता को शर्मसार करने वाली घटना में मलेरिया से पीड़ित युवती की मौत एम्बुलेंस ड्राइवर और टेक्नीशियन की लापरवाही के कारण हो गई। परिजनों का आरोप है कि रास्ते में ड्राइवर ने तेंदुआ देखने के लिए एम्बुलेंस रोक दी और फिर आगे जाने के लिए रिश्वत मांगी। देरी से इलाज मिलने के कारण मरीज ने दम तोड़ दिया।
2 घंटे में अस्पताल पहुंची एंबुलेंस
बैहर विकासखंड के ग्राम जत्ता निवासी गायत्री उईके (20) और उसकी बहन राधिका उईके मलेरिया से पीड़ित थीं। सोमवार रात करीब 8:57 बजे उन्हें बिरसा स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया। रात 10 बजे एम्बुलेंस बिरसा पहुंची और करीब सवा 10 बजे बालाघाट के लिए रवाना हुई। लेकिन बीच रास्ते में ड्राइवर ललित पवार और टेक्नीशियन अनिल राहंगडाले ने एम्बुलेंस रोक दी।
‘तेंदुआ देखने के लिए रोकी गाड़ी, फिर मांगे पैसे’
मरीज की बहन सरिता मर्सकोले के मुताबिक, दोनों कर्मचारियों ने पहले निजी अस्पताल ले जाने के लिए दबाव बनाया और फिर घने जंगल में तेंदुआ देखने के लिए एम्बुलेंस रोक दी। बाद में उन्होंने 700 रुपए की मांग की। परिजनों ने 600 रुपए दिए, तब जाकर एम्बुलेंस आगे बढ़ी। देर होने के कारण गायत्री की तबीयत बिगड़ गई और रात 12:10 बजे जिला अस्पताल पहुंचने पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कलेक्टर के निर्देश पर दोनों गिरफ्तार
मामले की जानकारी कलेक्टर मृणाल मीणा तक पहुंची। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. परेश उपलप को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएमएचओ ने दोनों आरोपियों ड्राइवर ललित पवार और ईएमटी अनिल राहंगडाले के खिलाफ बिरसा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के मिशन संचालक को भी आरोपियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।
एसपी बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
एसपी आदित्य मिश्रा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
2 घंटे में अस्पताल पहुंची एंबुलेंस
बैहर विकासखंड के ग्राम जत्ता निवासी गायत्री उईके (20) और उसकी बहन राधिका उईके मलेरिया से पीड़ित थीं। सोमवार रात करीब 8:57 बजे उन्हें बिरसा स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया। रात 10 बजे एम्बुलेंस बिरसा पहुंची और करीब सवा 10 बजे बालाघाट के लिए रवाना हुई। लेकिन बीच रास्ते में ड्राइवर ललित पवार और टेक्नीशियन अनिल राहंगडाले ने एम्बुलेंस रोक दी।
‘तेंदुआ देखने के लिए रोकी गाड़ी, फिर मांगे पैसे’
मरीज की बहन सरिता मर्सकोले के मुताबिक, दोनों कर्मचारियों ने पहले निजी अस्पताल ले जाने के लिए दबाव बनाया और फिर घने जंगल में तेंदुआ देखने के लिए एम्बुलेंस रोक दी। बाद में उन्होंने 700 रुपए की मांग की। परिजनों ने 600 रुपए दिए, तब जाकर एम्बुलेंस आगे बढ़ी। देर होने के कारण गायत्री की तबीयत बिगड़ गई और रात 12:10 बजे जिला अस्पताल पहुंचने पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कलेक्टर के निर्देश पर दोनों गिरफ्तार
मामले की जानकारी कलेक्टर मृणाल मीणा तक पहुंची। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. परेश उपलप को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएमएचओ ने दोनों आरोपियों ड्राइवर ललित पवार और ईएमटी अनिल राहंगडाले के खिलाफ बिरसा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के मिशन संचालक को भी आरोपियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।
एसपी बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
एसपी आदित्य मिश्रा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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