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सरकार मुठभेड़ के लिए चर्चा का इंतजार कर रही थी… सपा सांसद रमाशंकर राजभर कश्मीर में एनकाउंटर पर क्या बोल दिए

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नई दिल्लीः संसद में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रमाशंकर राजभर ने कश्मीर में संदिग्ध आतंकवादियों के एनकाउंटर की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। यूपी के सलेमपुर से सपा के सांसद रमाशंकर राजभर ने कहा कि क्या पहलगाम हमले के गुनाहगारों के एनकाउंटर के लिए संसद में चर्चा का इंतजार किया जा रहा था?



सरकार डिबेट के दिन का ही इंतजार कर रही थी?

न्यूज चैनल 'आजतक' के साथ बातचीत में रमाशंकर ने कहा, 'अगर संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर यह डिबेट पहले हो गई होती तो आतंकी पहले ही मार दिए गए होते। सरकार बहुत चालाकी से काम करती है। ऐसा लग रहा है कि सरकार डिबेट के दिन का ही इंतजार कर रही थी।'



पहले डिबेट हो गई होती तो आतंकी पहले ही मार दिए गए होते

ऑपरेशन सिंदूर पर सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने कहा, 'दर्जनों ठिकाने ध्वस्त कर चुके हैं। लेकिन देश जानना चाहता है कि जो चार दहशतगर्द जो थे, मारे गए या नहीं, और आज यह सूचना (कश्मीर में एनकाउंटर) आई है तो अच्छी बात है। सरकार सक्रिय होती तो यह काम पहले हो गया होता। महीनों बीतने के बाद यह एनकाउंटर हुआ है, और दहशतगर्द मारे गए हैं। इस पर सरकार ही जवाब ही देगी।' इस सवाल पर कि सरकार मुठभेड़ के लिए चर्चा का इंतजार कर रही थी? रमाशंकर राजभर ने कहा, अगर संसद में पहले डिबेट हो गई होती तो आतंकी पहले ही मार दिए गए होते।



संसद में सरकार पर उठाए सवालइससे पहले रमाशंकर राजभार ने संसद में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा यदि सही है तो इसका मतलब है कि ‘हमने सैन्य और कूटनीतिक फैसला लेने की स्वतंत्रता’ खो दी।



सपा के रमाशंकर राजभर ने संसद के निचले सदन में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ में भाग लेते हुए कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला हुआ और इसके 17 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जबकि देश हमले के तीसरे दिन ही कार्रवाई चाहता था।



उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने इसी सदन में बताया कि ‘‘हमने 100 आतंकियों को मार गिराया, लेकिन इनमें (पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले) वे चार आतंकी मारे गए या नहीं, यह बात सामने नहीं आई। देश जानना चाहता है।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की मंशा थी कि वे धर्म पूछकर लोगों को मारेंगे और पूरे देश में दंगा भड़क जाएगा, लेकिन देशभर के हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर इस नापाक मंसूबे को नाकाम कर दिया।

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