उमरियाः जिले में एक बार फिर जंगली हथियों का उत्पात शुरू हो गया है। इन हाथियों का आतंक चौथे दिन भी जारी है। इस बार पाली सब डिवीजन में अनूपपुर जिले की सीमा से आए हाथियों ने कहर बरपा रखा है। हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में है। जंगली हाथियों ने घुनघुटी रेंज के ग्राम मालाचुआ और हथपुरा में 3 मकानों को क्षतिग्रस्त कर घर मे रखे अनाज को खाया। बाद में बाड़ी में लगी सब्जी और फसल खाने के साथ रौंद डाले।
पाली एसडीओ वन दिगेन्द्र सिंह ने बताया कि अभी तक 7 मकानों को जंगली हाथी क्षतिग्रस्त कर चुके हैं। इसमें 2 मकान मालाचुआ, 2 हथपुरा और 3 शाहपुर में नुकसान पहुंचाया है। मालाचुआ के जमुनिया मे भैया लाल और राम प्रसाद के माकान तोड़े हैं। वहीं, हथपुरा मे लक्ष्मण सिंह और कल्याण सिंह के मकान तोड़े। उन्होंने बताया कि हाथियों के हमले में कोई हताहत नहीं हुआ।
ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान
जंगली हाथियों ने ना सिर्फ ग्रामीणों के घरों को क्षतिग्रस्त किया। उनके घर के भीतर रखा सामान इधर उधर बिखरा दिया। साथ ही घर की बाड़ी में लगे केले के पौधे, फल पूरी तरह नष्ट कर दिए हैं। हाथियों के आतंक से ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान के साथ मेहनत पर पानी फिर गया है। हाथियों की मौजूदगी ने भय का माहौल बना दिया है।
अलर्ट मोड में वन विभाग
वन विभाग के एसडीओ ने बताया कि हमारी टीम प्रभावित क्षेत्र में मौजूद है। लगातार निगरानी कर रही है। साथही ग्रामीणों को सतर्क कर रही है। उनका उद्देश्य ये है कि जंगली हाथी गांव मे न घुस सकें। हमारे 60 कर्मचारी, 5 गाड़ियां लगातार गश्त कर रही हैं, ग्रामीणों का भी सहयोग ले रहे हैं।
जंगली हाथियों के इस दल में 4 बड़े नर और मादा हाथी होने का अनुमान है। वन विभाग के साथ पुलिस और राजस्व की टीम भी सहयोग कर रही है। वहीं, राजस्व विभाग ने क्षति का आंकलन कर लिया है। जल्द ही उनको क्षतिपूर्ति की राशि मिल जाएगी। इस भारी बारिश के बीच रैनकोट, छाता, टार्च के साथ रात मे जंगल मे गश्त की जा रही है।
गौरतलब है कि जंगली हथियों का दल जहां भी जाता है वहीं तबाही मचाने में लगा है। क्षेत्र के ग्रामीण भी दहशत मे जी रहे हैं। साथ ही भीषण बारिश मे नदी नाले भी उफान पर हैं। ऐसे मे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के हथियों के दल और उनकी टीम को चाहिये कि इन जंगली हथियों को काबू मे कर ग्रामीणों को इनके भय से मुक्ति दिलावाएं।
पाली एसडीओ वन दिगेन्द्र सिंह ने बताया कि अभी तक 7 मकानों को जंगली हाथी क्षतिग्रस्त कर चुके हैं। इसमें 2 मकान मालाचुआ, 2 हथपुरा और 3 शाहपुर में नुकसान पहुंचाया है। मालाचुआ के जमुनिया मे भैया लाल और राम प्रसाद के माकान तोड़े हैं। वहीं, हथपुरा मे लक्ष्मण सिंह और कल्याण सिंह के मकान तोड़े। उन्होंने बताया कि हाथियों के हमले में कोई हताहत नहीं हुआ।
ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान
जंगली हाथियों ने ना सिर्फ ग्रामीणों के घरों को क्षतिग्रस्त किया। उनके घर के भीतर रखा सामान इधर उधर बिखरा दिया। साथ ही घर की बाड़ी में लगे केले के पौधे, फल पूरी तरह नष्ट कर दिए हैं। हाथियों के आतंक से ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान के साथ मेहनत पर पानी फिर गया है। हाथियों की मौजूदगी ने भय का माहौल बना दिया है।
अलर्ट मोड में वन विभाग
वन विभाग के एसडीओ ने बताया कि हमारी टीम प्रभावित क्षेत्र में मौजूद है। लगातार निगरानी कर रही है। साथही ग्रामीणों को सतर्क कर रही है। उनका उद्देश्य ये है कि जंगली हाथी गांव मे न घुस सकें। हमारे 60 कर्मचारी, 5 गाड़ियां लगातार गश्त कर रही हैं, ग्रामीणों का भी सहयोग ले रहे हैं।
जंगली हाथियों के इस दल में 4 बड़े नर और मादा हाथी होने का अनुमान है। वन विभाग के साथ पुलिस और राजस्व की टीम भी सहयोग कर रही है। वहीं, राजस्व विभाग ने क्षति का आंकलन कर लिया है। जल्द ही उनको क्षतिपूर्ति की राशि मिल जाएगी। इस भारी बारिश के बीच रैनकोट, छाता, टार्च के साथ रात मे जंगल मे गश्त की जा रही है।
गौरतलब है कि जंगली हथियों का दल जहां भी जाता है वहीं तबाही मचाने में लगा है। क्षेत्र के ग्रामीण भी दहशत मे जी रहे हैं। साथ ही भीषण बारिश मे नदी नाले भी उफान पर हैं। ऐसे मे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के हथियों के दल और उनकी टीम को चाहिये कि इन जंगली हथियों को काबू मे कर ग्रामीणों को इनके भय से मुक्ति दिलावाएं।
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