पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ को खालिस्तानी आतंकवादी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' ने बुधवार 29 अक्टूबर 2025 को धमकी दी है। और SFJ के लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सिंगर का 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले कॉन्सर्ट को भी बंद करने की धमकी दी है। और ये सब इसलिए क्योंकि 'कौन बनेगा करोड़पति 17' के एक एपिसोड में दिलजीत ने अमिताभ बच्चन के पैर छुए।
'ईटाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, समूह ने 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट को बंद करने का ऐलान किया है। क्योंकि उस दिन अकाल तख्त साहिब, सिख 'नरसंहार स्मरण दिवस' के रूप में मनाता है। संगठन का ये फैसला अमिताभ के पैर छूने के कुछ दिनों के बाद आया है, जिन पर SFJ ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में 'भीड़ को उकसाने' का आरोप लगाया था।
दिलजीत पर अपमान करने का आरोप
गुरपतवंत ने कहा कि दिलजीत ने अमिताभ बच्चन को इज्जत देकर '1984 के सिख नरसंहार के हर एक पीड़ित, विधवा और अनाथ का अपमान किया है।' संगठन का दावा है कि अमिताभ ने 31 दिसंबर, 1984 में हिंदुस्तानी भीड़ को सार्वजनिक रूप से उकसाया था और खून का बदला खून जैसे नरसंहारी नारा लगाया था। और इसके बाद पूरे भारत में 30,000 से ज्यादा सिख महिला-पुरुष और बच्चे मारे गए थे।
दिलजीत के कॉन्सर्ट को बायकॉट करने की मांग
संगठन ने दिलजीत के कॉन्सर्ट को बायकॉट करने की मांग की है। उन्होंने कहा है सिंगर ने 'स्मृति दिवस का मजाक' बनाया है। इसलिए दुनियाभर के सिख समूहों और आर्टिस्ट्स उनके कार्यक्रम में शामिल न हों। साथ ही बताया कि 1 नवंबर को जहां पर इवेंट होगा, उसके बाहर एक रैली भी निकाली जाएगी। बता दें कि सिख प्राधिकरण के अकाल तख्त ने 2010 में 1984 की हत्याओं को नरसंहार घोषित किया था और 1 नवबर को सिख नरसंहार स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
'ईटाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, समूह ने 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट को बंद करने का ऐलान किया है। क्योंकि उस दिन अकाल तख्त साहिब, सिख 'नरसंहार स्मरण दिवस' के रूप में मनाता है। संगठन का ये फैसला अमिताभ के पैर छूने के कुछ दिनों के बाद आया है, जिन पर SFJ ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में 'भीड़ को उकसाने' का आरोप लगाया था।
दिलजीत पर अपमान करने का आरोप
गुरपतवंत ने कहा कि दिलजीत ने अमिताभ बच्चन को इज्जत देकर '1984 के सिख नरसंहार के हर एक पीड़ित, विधवा और अनाथ का अपमान किया है।' संगठन का दावा है कि अमिताभ ने 31 दिसंबर, 1984 में हिंदुस्तानी भीड़ को सार्वजनिक रूप से उकसाया था और खून का बदला खून जैसे नरसंहारी नारा लगाया था। और इसके बाद पूरे भारत में 30,000 से ज्यादा सिख महिला-पुरुष और बच्चे मारे गए थे।
दिलजीत के कॉन्सर्ट को बायकॉट करने की मांग
संगठन ने दिलजीत के कॉन्सर्ट को बायकॉट करने की मांग की है। उन्होंने कहा है सिंगर ने 'स्मृति दिवस का मजाक' बनाया है। इसलिए दुनियाभर के सिख समूहों और आर्टिस्ट्स उनके कार्यक्रम में शामिल न हों। साथ ही बताया कि 1 नवंबर को जहां पर इवेंट होगा, उसके बाहर एक रैली भी निकाली जाएगी। बता दें कि सिख प्राधिकरण के अकाल तख्त ने 2010 में 1984 की हत्याओं को नरसंहार घोषित किया था और 1 नवबर को सिख नरसंहार स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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