भीलवाड़ा: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने देवनानी को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल बताया था। देवनानी ने कहा कि गहलोत को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता, न कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व और न ही अन्य दल। उन्होंने गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि वे महज चर्चा में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं। क्योंकि उनकी रगड़ाई नहीं हुई है, इसलिए इतनी बातें कर रहे हैं।
हां, मैं RSS का सेवक हूं: देवनानी
देवनानी ने यह भी कहा, 'हां, मैं आरएसएस का स्वयंसेवक था, हूं और रहूंगा, यह मेरे लिए गर्व की बात है।' साथ ही उन्होंने गहलोत की संघ को लेकर समझ पर सवाल उठाते हुए कहा, 'गहलोत को संघ की समझ नहीं है, उन्हें आरएसएस को समझने के लिए एक और जन्म लेना होगा।' देवनानी ने यह भी कहा कि अब तो कांग्रेस भी गहलोत को महत्व नहीं देती।
विधानसभा सत्र और डिजिटल बदलाव पर जानकारी
विधानसभा सत्र को लेकर पूछे गए सवाल पर वासुदेव देवनानी ने बताया कि सत्र बुलाने पर फैसला संसदीय कार्य मंत्री द्वारा किया जाएगा। संवैधानिक रूप से 6 महीने के भीतर सत्र बुलाना अनिवार्य है, ऐसे में संभावना है कि यह जुलाई के आखिरी सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू हो। देवनानी ने यह भी कहा कि 23 सितंबर से पहले सत्र चलाया जाना है।
उन्होंने विधानसभा में पेपरलेस और डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को एक सकारात्मक कदम बताया। उनके अनुसार, इससे राजस्व की बचत और पर्यावरण संरक्षण, दोनों को बढ़ावा मिला है।
बीएपी विधायक पर रिश्वत मामले में कार्रवाई की उम्मीद
देवनानी ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयसिंह पटेल के रिश्वत मामले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि मामला विधानसभा की सदाचार कमेटी को सौंपा गया है और उम्मीद है कि आगामी सत्र में रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
हां, मैं RSS का सेवक हूं: देवनानी
देवनानी ने यह भी कहा, 'हां, मैं आरएसएस का स्वयंसेवक था, हूं और रहूंगा, यह मेरे लिए गर्व की बात है।' साथ ही उन्होंने गहलोत की संघ को लेकर समझ पर सवाल उठाते हुए कहा, 'गहलोत को संघ की समझ नहीं है, उन्हें आरएसएस को समझने के लिए एक और जन्म लेना होगा।' देवनानी ने यह भी कहा कि अब तो कांग्रेस भी गहलोत को महत्व नहीं देती।
विधानसभा सत्र और डिजिटल बदलाव पर जानकारी
विधानसभा सत्र को लेकर पूछे गए सवाल पर वासुदेव देवनानी ने बताया कि सत्र बुलाने पर फैसला संसदीय कार्य मंत्री द्वारा किया जाएगा। संवैधानिक रूप से 6 महीने के भीतर सत्र बुलाना अनिवार्य है, ऐसे में संभावना है कि यह जुलाई के आखिरी सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू हो। देवनानी ने यह भी कहा कि 23 सितंबर से पहले सत्र चलाया जाना है।
उन्होंने विधानसभा में पेपरलेस और डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को एक सकारात्मक कदम बताया। उनके अनुसार, इससे राजस्व की बचत और पर्यावरण संरक्षण, दोनों को बढ़ावा मिला है।
बीएपी विधायक पर रिश्वत मामले में कार्रवाई की उम्मीद
देवनानी ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयसिंह पटेल के रिश्वत मामले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि मामला विधानसभा की सदाचार कमेटी को सौंपा गया है और उम्मीद है कि आगामी सत्र में रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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