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गाड़ियों की 'पों-पों' कर रही लोगों का दिमाग खराब, सड़क पर झगड़ों के साथ एंजाइटी की बन रही वजह

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Car Honking Issue In Big Cities Leads To Raod Rage: आप कार से ऑफिस के लिए निकलते हैं, अच्छे मूड में होते हैं और अचानक सड़क पर आपको ट्रैफिक दिखती है। ट्रैफिक में फंसते ही गाड़ियों की गैरजरूरी पों-पों की आवाज से आपका दिमाग खराब हो जाता है और इसकी वजह से काम में मन नहीं लगता और दिन खराब हो जाता है। महानगरों की यह आम समस्या है और इससे हर दिन करोड़ों लोग रूबरू होते हैं। दरअसल, भारत में बड़े शहरों में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है और लोगों में सिविक और रोड सेंस का इतना अभाव है कि उन्हें थोड़ा भी अंदाजा नहीं होता कि उनके बिना मतलब के कार या बाइक के हॉर्न बजाने का आसपास के लोगों पर कितना बुरा असर हो रहा है।



सड़क पर मारपीट की बढ़ रहीं घटनाएंआपको दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में घटी कुछ घटनाओं से इस लेख की गंभीरता के बारे में बताते हैं। बीते 25 जुलाई को सेंट्रल दिल्ली के अजमेरी गेट इलाके में एक व्यक्ति ने सरेराह गोली चला दी और इसकी वजह थी कि वह गैरजरूरी हॉर्न बजाने से परेशान था। उसी दिन दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के मुनिरका इलाके में एक व्यक्ति की इसलिए पिटाई हो गई कि वह बिना मतलब के हॉर्न बजाए जा रहा था। ठीक दो दिन बाद 2 दिन बाद 27 जुलाई को द्वारका सेक्टर 10 में 7-8 लोगों के समूह ने दो व्यक्ति की बीयर बोतल और लाठी-डंडों से पिटाई कर दी और इसके पीछे भी कुछ ऐसी वजहें ही बताई गईं।



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लोगों का जीना मुहाल हो रहा हैआपको ये वाकये भले आम लगे, लेकिन आप थोड़ा दिमाग लगाकर सोचेंगे तो अंदाजा होगा कि लोगों में किस तरह गुस्सा तेजी से बढ़ने लगा है और उनमें पेशेंस का अभाव हो रहा है। अब आप बोलेंगे कि आखिरकार ऐसा हो क्यों रहा है तो इसकी वड़ी वजह है नॉयज पॉल्यूशन। ट्रैफिक के शोर-शराबे, बाइक और कार चलाने वालों द्वारा बिना जरूरत के जबरदस्त हॉर्न पर चढ़े रहना और ऐसा सोचना कि उनके इस कृत्य से रास्ता क्लियर हो जाएगा, ऐसी सोच और प्रवृति ध्वनि प्रदूषण को तेजी से बढ़ा रही है और इसका असर लोगों को दिमाग पर होता है। लोग जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और फिर जगह-जगह रोड-रेज की घटना बढ़ती है।



भयंकर जुर्मानादिल्ली पुलिस की डेटा की मानें तो बीते जुलाई में प्रेशर हॉर्न की घटना में 1,651 चालान काटे गए, जो कि पिछले साल जुलाई के1570 चालान से ज्यादा हैं। पुलिस हॉस्पिटल और स्कूल समेत अन्य नो-होंकिंग जोन में लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। आपको बता दें कि नो-होंकिंग से जुड़े कानून के उल्लंघन पर मिनिमम जुर्माना 1000 रुपये है।
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