Rahu Gochar Effects : 18 मई 2025 को रात्रि 7 बजकर 35 मिनट पर राहु का प्रवेश अपनी स्वाभाविक वक्र गति से कुम्भ राशि में होगा। तत्कालिक चन्द्रमा उस समय श्रवण नक्षत्र, मकर राशि में स्थित होगा। राहु के गोचर का पाद विचार आदि का अवलोकन करने के पश्चात् मेष, वृष तथा मिथुन राशियों को इस प्रकार से छाया ग्रह राहु का शुभाशुभ फल प्राप्त होगा। मेष राशि- मेष राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन विशेष शुभ फल लेकर आ रहा है, आशा के अनुसार ही मनोकामनाऐं पूर्ण होंगीं, पराक्रम में वृद्धि एवं धन-लाभ होगा, मित्रों का सहयोग एवं शेयर से लाभ के प्रबल योग हैं। मेष राशि वालों को गोचर का एकादश का राहु अतिशुभ है, जिसके प्रभाव से दैनिक कार्यों में उन्नति का योग, कार्य-व्यवसाय का विस्तार, समाज में उच्च मान, सम्मान, प्रतिष्ठा का योग है, भूमि-वाहन खरीदने के सुख प्राप्ति के योग एवं उच्च शिक्षा हेतु विद्यार्थियों को एवं किसी बड़े प्रोजेक्ट हेतु विदेश यात्रा का सुअवसर भी प्राप्त होगा। मेष राशि के लिए ताम्र पाद से राहु का आगमन शुभप्रद एवं प्रगतिदायक है। वृष राशि- वृष राशि वालों के लिए राहु का राशि परिवर्तन मिश्रित फल प्रदान करेगा। गोचर में जन्म राशि से दशम स्थान पर राहु व्यक्ति को ऊंचाईयों पर पहुंचाता है, परन्तु पारिवारिक सुख से वंचित रखता है। जहां एक ओर राहु का राशि परिवर्तन कार्यक्षेत्र में उन्नति के अवसर लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर पिता अथवा पिता जैसे व्यक्ति से वैचारिक मतभेद हो सकता है, पैर की चोट अथवा हृदय सम्बंधित बीमारियों से सावधान रहें। पाया विचार के अनुसार रजत पाद होने से इष्ट मित्रों का सहयोग प्रदान करता है। गोचर का राहु आय के नए स्त्रोतों को खोलता है, किन्तु खर्च भी अत्यधिक कराता है। मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन उनके भाग्य में आकस्तिक उतार-चढ़ाव लेकर आया है, कभी आपको भाग्योदय का अवसर मिलेगा, तो कभी भाग्य के सामने हार भी माननी पड़ सकती है। गोचर का नवम राहु पूज्य है तथा लौह पाद से होने से परिवार में तनाव एवं अशांति का वातावरण प्रस्तुत करेगा, परन्तु श्रेष्ठजनों की संगति आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी। बिगड़े कार्यों में कुछ सुधार होगा, वाहन आदि सुख की प्राप्ति बड़ी कठिनाई से होगी, कभी खुशी-कभी गम जीवन में मिलेगा, अतः सोच-समझकर कार्य करेंगें तो लाभ की मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी।गोचर ज्योतिष के अनुसार यहां पाद विचार सहित छाया ग्रह राहु का शुभाशुभ फल बताया गया है, सटीक व्यक्तिगत फलादेश इस बात पर निर्भर करता है, कि व्यक्ति की जन्म कुण्डली में राहु किस भाव में बैठा है और उसकी कैसी स्थिति है।
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