पटना: बिहार में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर शिक्षकों के तबादले के बाद प्रदेश के कई विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को अस्थायी प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती करने का आदेश दिया है। बताया गया कि शिक्षकों के तबादले के क्रम में कई ऐसे सरकारी विद्यालय हैं, जो शिक्षक विहीन हो गए हैं। वहां से सभी शिक्षकों ने अपना स्थानांतरण करा लिया है।
बिहार के 29 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने समीक्षा के क्रम में पाया कि राज्य के कुल 29 विद्यालयों में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। समीक्षा के क्रम में यह बात भी सामने आई कि राज्य में कुल 354 ऐसे विद्यालय हैं, जहां मात्र एक शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों से कहा है कि इन स्कूलों में तत्काल शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर बच्चों की पढ़ाई को व्यवस्थित किया जाए।
टीचरों के ट्रांसफर से बने ऐसे हालात
दरअसल, राज्य में बड़े पैमाने पर हुए शिक्षकों के स्थानांतरण से राज्य के कई सरकारी विद्यालय बिना शिक्षक के हो गए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने समीक्षा में पाया है कि विशेष परिस्थितियों में हुए स्थानांतरण-पदस्थापन की कार्रवाई से कुछ विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन हो गए हैं और कई विद्यालयों में केवल एक या दो शिक्षक ही रह गए हैं। साथ ही कुछ विद्यालयों में छात्र-शिक्षक का अनुपात भी 40 से अधिक पाया गया है।
ACS ने सभी जिला अफसरों को लिखी चिट्ठी
अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम तीन शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही मध्य विद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की तैनाती की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को अपने स्तर से इसकी समीक्षा कर ऐसे स्कूलों में तत्काल अस्थायी प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शिक्षक विहीन विद्यालयों या जहां शिक्षक कम हैं, उनमें शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इनपुट-आईएएनएस
बिहार के 29 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने समीक्षा के क्रम में पाया कि राज्य के कुल 29 विद्यालयों में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। समीक्षा के क्रम में यह बात भी सामने आई कि राज्य में कुल 354 ऐसे विद्यालय हैं, जहां मात्र एक शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों से कहा है कि इन स्कूलों में तत्काल शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर बच्चों की पढ़ाई को व्यवस्थित किया जाए।
टीचरों के ट्रांसफर से बने ऐसे हालात
दरअसल, राज्य में बड़े पैमाने पर हुए शिक्षकों के स्थानांतरण से राज्य के कई सरकारी विद्यालय बिना शिक्षक के हो गए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने समीक्षा में पाया है कि विशेष परिस्थितियों में हुए स्थानांतरण-पदस्थापन की कार्रवाई से कुछ विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन हो गए हैं और कई विद्यालयों में केवल एक या दो शिक्षक ही रह गए हैं। साथ ही कुछ विद्यालयों में छात्र-शिक्षक का अनुपात भी 40 से अधिक पाया गया है।
ACS ने सभी जिला अफसरों को लिखी चिट्ठी
अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम तीन शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही मध्य विद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की तैनाती की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को अपने स्तर से इसकी समीक्षा कर ऐसे स्कूलों में तत्काल अस्थायी प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शिक्षक विहीन विद्यालयों या जहां शिक्षक कम हैं, उनमें शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इनपुट-आईएएनएस
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