नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने डायरेक्टर जनरल (प्रीजन्स) को ओपन जेल में बंद कैदियों तक मोबाइल फोन की सुविधा के संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने और उसे अधिसूचित करने का निर्देश दिया है।
कैदियों को दें इजाजत
जस्टिस संजीव नरूला ने 28 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि एसओपी में या तो ऐसे कैदियों को उचित नियमों और जांचों के साथ अपने मोबाइल फोन रखने की इजाजत दी जानी चाहिए या फिर उनके लिए एक सुरक्षित व्यवस्था बनाई जानी चाहिए ताकि वे ओपन जेल में बंद कैदियों के रहने के दौरान अपने फोन जमा कर सकें और उन्हें वापस ले सकें।
हाई कोर्ट ने दिए आदेश
हाई कोर्ट ने कहा कि डायरेक्टर जनरल (प्रीजन्स) (जेल महानिदेशक) संबंधित हितधारकों से बातचीत करने के बाद एक एसओपी तैयार करें और उसे अधिसूचित करें। आदेश के मुताबिक, एसओपी को आठ हफ्तों के भीतर अंतिम रूप देकर लागू किया जाए।
इस याचिका पर सुनवाई कर रहा था कोर्ट
जस्टिस नरूला हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उसने 2020 में सुनाई गई सजा और उसके अनुसार ओपन जेल से बंद जेल में ट्रांसफर करने के निर्देश देने को चुनौती दी।
जेल में बरामद हुआ था फोन
ओपन जेल के औचक निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और दो चार्जर बरामद किए। जेल परिसर में ये चीजें प्रतिबंधित है और जेल नियमों का उल्लंघन है, इसलिए उसके कैदी कॉलिंग सिस्टम (आईसीएस) और कैंटीन के विशेषाधिकार एक महीने के लिए वापस ले लिए गए।
कैदियों को दें इजाजत
जस्टिस संजीव नरूला ने 28 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि एसओपी में या तो ऐसे कैदियों को उचित नियमों और जांचों के साथ अपने मोबाइल फोन रखने की इजाजत दी जानी चाहिए या फिर उनके लिए एक सुरक्षित व्यवस्था बनाई जानी चाहिए ताकि वे ओपन जेल में बंद कैदियों के रहने के दौरान अपने फोन जमा कर सकें और उन्हें वापस ले सकें।
हाई कोर्ट ने दिए आदेश
हाई कोर्ट ने कहा कि डायरेक्टर जनरल (प्रीजन्स) (जेल महानिदेशक) संबंधित हितधारकों से बातचीत करने के बाद एक एसओपी तैयार करें और उसे अधिसूचित करें। आदेश के मुताबिक, एसओपी को आठ हफ्तों के भीतर अंतिम रूप देकर लागू किया जाए।
इस याचिका पर सुनवाई कर रहा था कोर्ट
जस्टिस नरूला हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उसने 2020 में सुनाई गई सजा और उसके अनुसार ओपन जेल से बंद जेल में ट्रांसफर करने के निर्देश देने को चुनौती दी।
जेल में बरामद हुआ था फोन
ओपन जेल के औचक निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और दो चार्जर बरामद किए। जेल परिसर में ये चीजें प्रतिबंधित है और जेल नियमों का उल्लंघन है, इसलिए उसके कैदी कॉलिंग सिस्टम (आईसीएस) और कैंटीन के विशेषाधिकार एक महीने के लिए वापस ले लिए गए।
You may also like

वरमाला की रस्म में दूल्हे ने मंच से लौटा दिया 5 लाख रुपये का दहेज, छलक पड़ीं दुल्हन के पिता की आंखें

क्या एक बार लोन गारंटर बनने के बाद अपना नाम हटाया जा सकता है? जानें डिटेल्स

पीएम मोदी ने एक लाख करोड़ रुपए का आरडीआई फंड लॉन्च किया, प्राइवेट सेक्टर में इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा

बिहार चुनाव: सिवान में लड़ रहे हैं सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार, जानिए दूसरे नंबर पर कौन सा जिला

चमत्कारीˈ दवा से कम नहीं काली मिर्च-घी का मिश्रण सुबह खाली पेट खाएं तो मिलते हैं गजब के फायदे﹒




