किशनगंज: बिहार के किशनगंज में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक खास इंटरव्यू में बिहार चुनाव और देश की राजनीति में चल रहे कई सारे मुद्दों पर बातचीत की। यहां पेश हैं बातचीत के कुछ प्रमुख अंश। ये इंटरव्यू ओवैसी ने एक न्यूज एजेंसी को दिया है
सवाल: राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले मुद्दे पर आपका क्या कहना है?
असदुद्दीन ओवैसी: देखिए, बिहार में असली मुद्दा सीमांचल है। सीमांचल की जनता से नफरत की जा रही है, उन्हें बदनाम किया जा रहा है और उन्हें घुसपैठिया कहा जा रहा है। यहां के लोग बाढ़ और भूमि कटाव से सालों से परेशान हैं, लेकिन कोई मुआवजा नहीं देता। शिक्षा व्यवस्था नहीं है, स्वास्थ्य सेवाएं नाकाम हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है। यही असली समस्या है, लेकिन इन बातों पर कोई ध्यान नहीं देता।
सवाल: तेजस्वी यादव ने आपको 'कट्टरपंथी' कहा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
असदुद्दीन ओवैसी: तेजस्वी यादव को समझना चाहिए कि जब कोई मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा हो, तो उसे ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए। उन्होंने मुझे 'कट्टरपंथी' कहा। ये शब्द उनके दिल की नफरत दिखाते हैं। अगर वे सच में जनता की सेवा करना चाहते हैं, तो पहले अपने मन की नफरत निकालें।
सवाल : हाल में 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर आपकी टिप्पणी को लेकर भी चर्चा है। आप क्या कहना चाहेंगे?
असदुद्दीन ओवैसी: अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव 'आई लव मोहम्मद' पर कुछ नहीं बोलते, तो क्या हम चुप रहेंगे? मैं आखिरी सांस तक बोलूंगा। हम उसी के नाम पर बोलते हैं, जिसके नाम पर हम जकात देते हैं। अगर हम मुसलमान हैं, तो इसलिए क्योंकि पैगंबर मोहम्मद ने हमें सिखाया कि अल्लाह एक है। जिसके नाम की खाते हैं, अगर उसके लिए हम नहीं बोलेंगे, तो कौन बोलेगा?
सवाल : आपने अखिलेश यादव और मायावती की सरकारों की तुलना की, उस पर विस्तार से बताएं।
असदुद्दीन ओवैसी : जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब मुजफ्फरनगर में भयानक दंगे हुए। सैकड़ों लोगों की जान गई, जिनमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल थे। मैं खुद राहत शिविरों में गया था। उस वक्त अखिलेश यादव मुंबई से फिल्म स्टार बुलाकर सैफई में नाच-गाना करवा रहे थे। क्या यही इंसाफ है? आज भी उन दंगों के जख्म नहीं भरे।
सवाल : आपने समाजवादी पार्टी के नेता अफजल अंसारी पर क्यों निशाना साधा?
असदुद्दीन ओवैसी : अफजल अंसारी परिवारवाद की राजनीति करते हैं। वे नहीं जानते कि हम हैदराबाद में कैसे काम करते हैं। वे कहते हैं कि हम हिंदुओं के लिए काम नहीं करते। ये उनकी नादानी है। उन्होंने खुद कितनी पार्टियां बदलीं। कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ी, एकता दल बनाया, फिर मायावती के पास गए, फिर अखिलेश के पास। पहले अपनी राजनीतिक यात्रा देखें, फिर दूसरों पर टिप्पणी करें।
सवाल : लालू यादव के परिवार पर क्या कहना चाहेंगे?
असदुद्दीन ओवैसी : मैं साफ कहना चाहता हूं जिस घर में खुद एकता नहीं है, वो बिहार की जनता को क्या एकजुट करेगा? लालू यादव ने एम-वाई (मुस्लिम-यादव) गठबंधन के नाम पर 15 साल बिहार पर शासन किया। उनकी पत्नी मुख्यमंत्री बनीं, बेटा तेजस्वी डिप्टी सीएम रहा और दूसरा बेटा मंत्री। लेकिन आज वही दोनों भाई एक-दूसरे के खिलाफ हैं। अगर एक परिवार में ही सद्भाव नहीं, तो जनता का भला कैसे करेंगे?
सवाल : आप किसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं?
असदुद्दीन ओवैसी : हम बहुजन समाज पार्टी के साथ नहीं, बल्कि चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यह गठबंधन लोकतांत्रिक गठजोड़ के नाम से है, जिसे हमने बनाया है।
सवाल : बिहार में आपकी पार्टी की प्राथमिकता क्या होगी?
असदुद्दीन ओवैसी : हमारी प्राथमिकता साफ है। सीमांचल का विकास करना है, शिक्षा और स्वास्थ्य सुधारने हैं और इस क्षेत्र के लोगों को सम्मान दिलाना है। जो हमें घुसपैठिया कहते हैं, हम उन्हें काम और सेवा के जरिए जवाब देंगे।
सवाल : क्या आप मानते हैं कि सीमांचल के लोग आपके साथ हैं?
असदुद्दीन ओवैसी : सीमांचल के लोग समझ चुके हैं कि कौन उनके लिए बोलता है और कौन उन्हें सिर्फ चुनावी मोहरा बनाता है। हम डराने की राजनीति में नहीं, इंसाफ की राजनीति में विश्वास करते हैं। मैं कहता हूं कि सीमांचल के लोगों का हक उन्हें मिलेगा और हम उसके लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।
इनपुट- आईएएनएस
सवाल: राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले मुद्दे पर आपका क्या कहना है?
असदुद्दीन ओवैसी: देखिए, बिहार में असली मुद्दा सीमांचल है। सीमांचल की जनता से नफरत की जा रही है, उन्हें बदनाम किया जा रहा है और उन्हें घुसपैठिया कहा जा रहा है। यहां के लोग बाढ़ और भूमि कटाव से सालों से परेशान हैं, लेकिन कोई मुआवजा नहीं देता। शिक्षा व्यवस्था नहीं है, स्वास्थ्य सेवाएं नाकाम हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है। यही असली समस्या है, लेकिन इन बातों पर कोई ध्यान नहीं देता।
सवाल: तेजस्वी यादव ने आपको 'कट्टरपंथी' कहा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
असदुद्दीन ओवैसी: तेजस्वी यादव को समझना चाहिए कि जब कोई मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा हो, तो उसे ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए। उन्होंने मुझे 'कट्टरपंथी' कहा। ये शब्द उनके दिल की नफरत दिखाते हैं। अगर वे सच में जनता की सेवा करना चाहते हैं, तो पहले अपने मन की नफरत निकालें।
सवाल : हाल में 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर आपकी टिप्पणी को लेकर भी चर्चा है। आप क्या कहना चाहेंगे?
असदुद्दीन ओवैसी: अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव 'आई लव मोहम्मद' पर कुछ नहीं बोलते, तो क्या हम चुप रहेंगे? मैं आखिरी सांस तक बोलूंगा। हम उसी के नाम पर बोलते हैं, जिसके नाम पर हम जकात देते हैं। अगर हम मुसलमान हैं, तो इसलिए क्योंकि पैगंबर मोहम्मद ने हमें सिखाया कि अल्लाह एक है। जिसके नाम की खाते हैं, अगर उसके लिए हम नहीं बोलेंगे, तो कौन बोलेगा?
सवाल : आपने अखिलेश यादव और मायावती की सरकारों की तुलना की, उस पर विस्तार से बताएं।
असदुद्दीन ओवैसी : जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब मुजफ्फरनगर में भयानक दंगे हुए। सैकड़ों लोगों की जान गई, जिनमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल थे। मैं खुद राहत शिविरों में गया था। उस वक्त अखिलेश यादव मुंबई से फिल्म स्टार बुलाकर सैफई में नाच-गाना करवा रहे थे। क्या यही इंसाफ है? आज भी उन दंगों के जख्म नहीं भरे।
सवाल : आपने समाजवादी पार्टी के नेता अफजल अंसारी पर क्यों निशाना साधा?
असदुद्दीन ओवैसी : अफजल अंसारी परिवारवाद की राजनीति करते हैं। वे नहीं जानते कि हम हैदराबाद में कैसे काम करते हैं। वे कहते हैं कि हम हिंदुओं के लिए काम नहीं करते। ये उनकी नादानी है। उन्होंने खुद कितनी पार्टियां बदलीं। कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ी, एकता दल बनाया, फिर मायावती के पास गए, फिर अखिलेश के पास। पहले अपनी राजनीतिक यात्रा देखें, फिर दूसरों पर टिप्पणी करें।
सवाल : लालू यादव के परिवार पर क्या कहना चाहेंगे?
असदुद्दीन ओवैसी : मैं साफ कहना चाहता हूं जिस घर में खुद एकता नहीं है, वो बिहार की जनता को क्या एकजुट करेगा? लालू यादव ने एम-वाई (मुस्लिम-यादव) गठबंधन के नाम पर 15 साल बिहार पर शासन किया। उनकी पत्नी मुख्यमंत्री बनीं, बेटा तेजस्वी डिप्टी सीएम रहा और दूसरा बेटा मंत्री। लेकिन आज वही दोनों भाई एक-दूसरे के खिलाफ हैं। अगर एक परिवार में ही सद्भाव नहीं, तो जनता का भला कैसे करेंगे?
सवाल : आप किसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं?
असदुद्दीन ओवैसी : हम बहुजन समाज पार्टी के साथ नहीं, बल्कि चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यह गठबंधन लोकतांत्रिक गठजोड़ के नाम से है, जिसे हमने बनाया है।
सवाल : बिहार में आपकी पार्टी की प्राथमिकता क्या होगी?
असदुद्दीन ओवैसी : हमारी प्राथमिकता साफ है। सीमांचल का विकास करना है, शिक्षा और स्वास्थ्य सुधारने हैं और इस क्षेत्र के लोगों को सम्मान दिलाना है। जो हमें घुसपैठिया कहते हैं, हम उन्हें काम और सेवा के जरिए जवाब देंगे।
सवाल : क्या आप मानते हैं कि सीमांचल के लोग आपके साथ हैं?
असदुद्दीन ओवैसी : सीमांचल के लोग समझ चुके हैं कि कौन उनके लिए बोलता है और कौन उन्हें सिर्फ चुनावी मोहरा बनाता है। हम डराने की राजनीति में नहीं, इंसाफ की राजनीति में विश्वास करते हैं। मैं कहता हूं कि सीमांचल के लोगों का हक उन्हें मिलेगा और हम उसके लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।
इनपुट- आईएएनएस
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