नई दिल्ली: अगर आप भारत से भूटान ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, भारत और भूटान सरकार के बीच 2 नई रेल लाइन को लेकर समझौता हुआ है। इन रेल लाइनों की कुल लंबाई लगभग 90 किलोमीटर होगी, जिनका कुल निवेश 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगा।
इन चार शहरों को जोड़ेंगी रेल परियोजना
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू शहर और बंगाल के बनारहाट से भूटान के समत्से को जोड़ेंगी। इस परियोजना से भूटान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों को वैश्विक नेटवर्क तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
परियोजना में पुल, रोड और ओवरब्रिज को भी मिली मंजूरी
परियोजना में दो बड़े पुल, 29 मुख्य पुल, 65 छोटे पुल, एक रोड ओवरब्रिज, 39 रोड अंडर ब्रिज और दो 11 मीटर लंबे वायाडक्ट शामिल हैं, जो कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में रेल यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।
विदेश सचिव बोले- भारत-भूटान का रिश्ता और मजबूत होगा
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क स्थापित करने की एक बड़ी नई पहल हुई है। भारत और भूटान के बीच असाधारण विश्वास, आपसी सम्मान और समझ का रिश्ता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों, व्यापक जन-जन संबंधों और हमारे साझा विकासात्मक एवं सुरक्षा हितों पर आधारित है।
ये संबंध उच्चतम स्तरों पर अत्यंत घनिष्ठ संपर्क में परिलक्षित होते हैं।जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मार्च 2024 में भूटान का दौरा किया था, तो उन्हें ऑर्डर ऑफ द ड्रुक याल्पो से सम्मानित किया गया था, जो भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। महामहिम, भूटान नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री नियमित रूप से भारत आते रहे हैं।
महामहिम, भूटान नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री नियमित रूप से भारत आते रहे हैं। महामहिम नरेश पहले महाकुंभ में भाग लेने के लिए यहां आए थे, और प्रधानमंत्री कुछ सप्ताह पहले ही राजगीर में भूटानी मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लेने के लिए यहां आए थे। भारत सरकार भूटान को विकास सहायता प्रदान करने में सबसे बड़ी सहायता प्रदान करती रही है और इसने इसके आधुनिकीकरण, विशेष रूप से बुनियादी ढाँचे और देश के समग्र आर्थिक विकास के क्षेत्रों में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इन चार शहरों को जोड़ेंगी रेल परियोजना
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू शहर और बंगाल के बनारहाट से भूटान के समत्से को जोड़ेंगी। इस परियोजना से भूटान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों को वैश्विक नेटवर्क तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
परियोजना में पुल, रोड और ओवरब्रिज को भी मिली मंजूरी
परियोजना में दो बड़े पुल, 29 मुख्य पुल, 65 छोटे पुल, एक रोड ओवरब्रिज, 39 रोड अंडर ब्रिज और दो 11 मीटर लंबे वायाडक्ट शामिल हैं, जो कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में रेल यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।
विदेश सचिव बोले- भारत-भूटान का रिश्ता और मजबूत होगा
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क स्थापित करने की एक बड़ी नई पहल हुई है। भारत और भूटान के बीच असाधारण विश्वास, आपसी सम्मान और समझ का रिश्ता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों, व्यापक जन-जन संबंधों और हमारे साझा विकासात्मक एवं सुरक्षा हितों पर आधारित है।
ये संबंध उच्चतम स्तरों पर अत्यंत घनिष्ठ संपर्क में परिलक्षित होते हैं।जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मार्च 2024 में भूटान का दौरा किया था, तो उन्हें ऑर्डर ऑफ द ड्रुक याल्पो से सम्मानित किया गया था, जो भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। महामहिम, भूटान नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री नियमित रूप से भारत आते रहे हैं।
महामहिम, भूटान नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री नियमित रूप से भारत आते रहे हैं। महामहिम नरेश पहले महाकुंभ में भाग लेने के लिए यहां आए थे, और प्रधानमंत्री कुछ सप्ताह पहले ही राजगीर में भूटानी मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लेने के लिए यहां आए थे। भारत सरकार भूटान को विकास सहायता प्रदान करने में सबसे बड़ी सहायता प्रदान करती रही है और इसने इसके आधुनिकीकरण, विशेष रूप से बुनियादी ढाँचे और देश के समग्र आर्थिक विकास के क्षेत्रों में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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