मैसुरु (कर्नाटक): कर्नाटक के मैसुरू में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जिले के एक गांव में रविवार को बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद कुछ गांवों में दहशत फैल गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना सारागुरू तालुक के मुल्लूर गांव के निकट हुई। उधर, मुल्लूर और पड़ोसी गांवों के गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने और बार-बार हमले के बावजूद आदमखोर बाघ को पकड़ने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
कब हुई घटना?
वन अधिकारियों के अनुसार मुल्लूर निवासी राजशेखर मूर्ति (58) पर एक आदमखोर बाघ ने हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि यह घटना दोपहर को उस वक्त हुई जब वह एक मैदान में अपने मवेशियों को चरा रहे थे। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गृह जिले मैसुरु में एक महीने के अंदर बाघ के हमले में दो लोगों की जान जा चुकी है। घटना के बाद हेदियाला में वन विभाग के अधिकारी, उनके कर्मचारी और सारागुरू पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे।
वन विभग के खिलाफ प्रदर्शन
मुल्लूर और पड़ोसी गांवों के गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने और बार-बार हमले के बावजूद आदमखोर बाघ को पकड़ने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि मुल्लूर के निकट कोई वन क्षेत्र नहीं है फिर भी आसपास के क्षेत्र में बाघ अक्सर देखे जाते रहे हैं। विभाग द्वारा बाघ का पता लगाने और उसे पकड़ने के प्रयास अब तक असफल रहे हैं।
वन मंत्री ने क्या कहा?
वन मंत्री ईश्वर खांड्रे ने व्यक्ति की मौत पर शोक व्यक्त किया है। बाघों के हमलों की बढ़ती घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने मवेशी चराने वालों, जंगल के किनारे बसे गांवों के निवासियों और बागान श्रमिकों से अपील की है कि जब भी बाघ, तेंदुआ और हाथी जैसे जंगली जानवरों की आवाजाही की सूचना मिले तब वे पूरी तरह सतर्क रहें। मंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने, बाघ को पकड़ने के लिए कदम उठाने तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
कब हुई घटना?
वन अधिकारियों के अनुसार मुल्लूर निवासी राजशेखर मूर्ति (58) पर एक आदमखोर बाघ ने हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि यह घटना दोपहर को उस वक्त हुई जब वह एक मैदान में अपने मवेशियों को चरा रहे थे। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गृह जिले मैसुरु में एक महीने के अंदर बाघ के हमले में दो लोगों की जान जा चुकी है। घटना के बाद हेदियाला में वन विभाग के अधिकारी, उनके कर्मचारी और सारागुरू पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे।
वन विभग के खिलाफ प्रदर्शन
मुल्लूर और पड़ोसी गांवों के गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने और बार-बार हमले के बावजूद आदमखोर बाघ को पकड़ने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि मुल्लूर के निकट कोई वन क्षेत्र नहीं है फिर भी आसपास के क्षेत्र में बाघ अक्सर देखे जाते रहे हैं। विभाग द्वारा बाघ का पता लगाने और उसे पकड़ने के प्रयास अब तक असफल रहे हैं।
वन मंत्री ने क्या कहा?
वन मंत्री ईश्वर खांड्रे ने व्यक्ति की मौत पर शोक व्यक्त किया है। बाघों के हमलों की बढ़ती घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने मवेशी चराने वालों, जंगल के किनारे बसे गांवों के निवासियों और बागान श्रमिकों से अपील की है कि जब भी बाघ, तेंदुआ और हाथी जैसे जंगली जानवरों की आवाजाही की सूचना मिले तब वे पूरी तरह सतर्क रहें। मंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने, बाघ को पकड़ने के लिए कदम उठाने तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
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