खरगोनः मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की एक दलित महिला 7 महीने पूर्व महाकुंभ में खोये अपने पति को ढूंढने के लिए जगह-जगह भटक रही है। इसके चलते उसे आजीविका चलाने और विभिन्न सरकारी सुविधाओं के लाभ में भी दिक्कत आ रही है। उसने पुलिस प्रशासन के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाई है।
दरअसल, बड़वाह क्षेत्र के बेलम बुजुर्ग की राधा बाई मंसारे ग्रामीणों के साथ कलेक्टर और एसपी को शिकायत करने पहुंची थी। उसने बताया कि वह अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ प्रयागराज के महाकुंभ में शामिल होने गई थी। 27 जनवरी की रात करीब 2:00 बजे उनके 47 वर्षीय पति नाहरू मंसारे (पेशे से कारीगर) पंडाल से चले गए थे। उसी रात मेले में एक छोटी भगदड़ भी हुई थी।
प्रयागराज महाकुंभ में गायब हुआ पति
भगदड़ के बाद पति के वापस नहीं लौटने पर स्थानीय पुलिस और मेला प्रशासन से संपर्क किया। उन्होंने वहां ऐलान कराकर खोजने का प्रयास किया। लेकिन उनके पति नहीं मिल पाए। उन्होंने बताया कि इसके बाद वे तीन बार प्रयागराज जा चुकी है। लेकिन पुलिस उन्हें ढूंढने में असफल रही है।
तलाश के दौरान एक्सीडेंट भी हुआ
जब भी तीसरी बार प्रयागराज गई तो उनका एक्सीडेंट हो गया। साथ ही करीब पांच लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि उनके पति के नहीं होने के चलते उन्हें आजीविका चलाने और विभिन्न सरकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न तकनीकी मुद्दों के चलते मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं जारी हुआ है।
सोनम राजा की तरह सुलझाए केस
महिला के साथ आए जनपद सदस्य प्रतिनिधि द्वारका प्रसाद शितोले ने कहा कि जिस तरह से एमपी पुलिस और प्रशासन ने सोनम और राजा के केस को क्रैक किया है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव पुलिस और प्रशासन-सरकार से को-ऑर्डिनेट कर इस मामले को भी सुलझाएं।
क्या बोले एसपी
खरगोन एसपी धर्मराज मीना ने बताया कि महिला ने पहली बार खरगोन पुलिस को इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि महिला का पति अपना फोन छोड़कर टेंट से चला गया था। जिस भगदड़ स्थल के बारे में बताया जा रहा है, वह उनके टेंट से करीब 2 किलोमीटर दूर था। उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेले के गेट क्रमांक 31 के विश्रामगृह सहायता केंद्र पर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी। उसका हेल्पलाइन नंब र की रसीद मौजूद है। उन्होंने बताया कि महिला ने मिसिंग पर्सन रिपोर्ट भी लिखाई है।
गुमशुदा को मृतक घोषित नहीं कर रही पुलिस
एसपी ने कहा कि मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी और पुलिस अधिकारी फिलहाल ट्रांसफर हो चुके हैं। इसलिए मिसिंग पर्सन को ढूंढने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि पति के नहीं मिलने से उसे शासकीय बेनिफिट्स मिलने में दिक्कत जा रही है। मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर उन्होंने बताया कि करीब 7 साल तक ऑफिस ऑब्जरवेशन के बाद संबंधित को मृत माना जाता है।
एसपी ने कहा कि वह संबंधित पुलिस अधिकारियों को पत्राचार के अलावा फोन पर भी बात कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ेगी तो एक टीम भी भेजी जाएगी।
दरअसल, बड़वाह क्षेत्र के बेलम बुजुर्ग की राधा बाई मंसारे ग्रामीणों के साथ कलेक्टर और एसपी को शिकायत करने पहुंची थी। उसने बताया कि वह अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ प्रयागराज के महाकुंभ में शामिल होने गई थी। 27 जनवरी की रात करीब 2:00 बजे उनके 47 वर्षीय पति नाहरू मंसारे (पेशे से कारीगर) पंडाल से चले गए थे। उसी रात मेले में एक छोटी भगदड़ भी हुई थी।
प्रयागराज महाकुंभ में गायब हुआ पति
भगदड़ के बाद पति के वापस नहीं लौटने पर स्थानीय पुलिस और मेला प्रशासन से संपर्क किया। उन्होंने वहां ऐलान कराकर खोजने का प्रयास किया। लेकिन उनके पति नहीं मिल पाए। उन्होंने बताया कि इसके बाद वे तीन बार प्रयागराज जा चुकी है। लेकिन पुलिस उन्हें ढूंढने में असफल रही है।
तलाश के दौरान एक्सीडेंट भी हुआ
जब भी तीसरी बार प्रयागराज गई तो उनका एक्सीडेंट हो गया। साथ ही करीब पांच लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि उनके पति के नहीं होने के चलते उन्हें आजीविका चलाने और विभिन्न सरकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न तकनीकी मुद्दों के चलते मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं जारी हुआ है।
सोनम राजा की तरह सुलझाए केस
महिला के साथ आए जनपद सदस्य प्रतिनिधि द्वारका प्रसाद शितोले ने कहा कि जिस तरह से एमपी पुलिस और प्रशासन ने सोनम और राजा के केस को क्रैक किया है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव पुलिस और प्रशासन-सरकार से को-ऑर्डिनेट कर इस मामले को भी सुलझाएं।
क्या बोले एसपी
खरगोन एसपी धर्मराज मीना ने बताया कि महिला ने पहली बार खरगोन पुलिस को इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि महिला का पति अपना फोन छोड़कर टेंट से चला गया था। जिस भगदड़ स्थल के बारे में बताया जा रहा है, वह उनके टेंट से करीब 2 किलोमीटर दूर था। उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेले के गेट क्रमांक 31 के विश्रामगृह सहायता केंद्र पर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी। उसका हेल्पलाइन नंब र की रसीद मौजूद है। उन्होंने बताया कि महिला ने मिसिंग पर्सन रिपोर्ट भी लिखाई है।
गुमशुदा को मृतक घोषित नहीं कर रही पुलिस
एसपी ने कहा कि मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी और पुलिस अधिकारी फिलहाल ट्रांसफर हो चुके हैं। इसलिए मिसिंग पर्सन को ढूंढने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि पति के नहीं मिलने से उसे शासकीय बेनिफिट्स मिलने में दिक्कत जा रही है। मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर उन्होंने बताया कि करीब 7 साल तक ऑफिस ऑब्जरवेशन के बाद संबंधित को मृत माना जाता है।
एसपी ने कहा कि वह संबंधित पुलिस अधिकारियों को पत्राचार के अलावा फोन पर भी बात कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ेगी तो एक टीम भी भेजी जाएगी।
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