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ज्योतिष में विश्वास, मनोरंजन या प्रयोग, किसे मिलता है इस विद्या का लाभ और किसे नहीं

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कई बार ज्योतिष शास्त्र अथवा ग्रहों के बारे में अधूरी जानकारी एवं ज्योतिष शास्त्र के प्रति नकारात्मक धारणा रखने वाले जातक ज्योतिषियों के पास पहुंचते हैं और अपनी समस्या का समाधान अथवा अपने प्रश्नों को न पूछकर ज्योतिषी के ज्ञान का आकलन करने का प्रयास करते हैं, जिसके चलते सदा विपरीत परिणाम ही देखने को मिलते हैं। इन्हें परीक्षक जातक कहा जाता है, ऐसा जातक जो अपनी समस्या का समाधान अथवा प्रश्न का उत्तर जानने की अपेक्षा ज्योतिषी के ज्ञान की परीक्षा का शौकीन होता है। समास्या केंद्रित जातकों के साथ भविष्य उन्मुख जातक भी देखे गए हैं, जो अपनी ज्योतिषीय ज्ञान की पुष्टि चाहने वाले ज्योतिष विद्या के बारे में ऑनलाइन वेबसाइट, वीडियो चैनलों के माध्यम से अथवा कुछ पुस्तकें पढ़कर अथवा भिन्न-भिन्न ज्योतिषियों को दिखाकर थोड़ी-थोड़ी जानकारी एकत्र करते हैं और फिर किसी प्रतिष्ठित ज्योतिषी के पास आकर अपनी समझ एवं पूर्व में अर्जित ज्ञान को सत्यापित करने का प्रयास करते हैं। कुछ लोग केवल विशिष्ट बिन्दुओं जैसे विवाह, नौकरी, संतान आदि की स्पष्टता प्राप्त करने आते हैं। ज्योतिष विषय से अनभिज्ञ जातक बहुत से लोग किसी ज्योतिषी का नाम सुनकर ज्योतिषी के पास पहुंचकर फिजूल के सवाल करते हैं, कि उनकी बात सुनकर विद्वान ज्योतिषी भी अपना सिर पीट लेते हैं। ऐसा जातक खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही जाता है। बहुत से लोगों ने ज्योतिष विषय की बुराई अलग-अलग स्रोतों से सुन रखी होती है, इसलिए वह समझना भी नहीं चाहते हैं कि ज्योतिष विषय उनकी क्या मदद कर सकता है। अगर जातक में श्रद्धा न हो ऐसा जातक जो ज्योतिष के विषय का जिज्ञासु तो हो, लेकिन उसको ज्योतिष शास्त्र के प्रति अथवा ज्योतिषी के प्रति मन में बिल्कुल भी श्रद्धा न हो। श्रद्धा है या नहीं, यह बातचीत की शुरुआत में ही ज्योतिषी को भान हो जाता है कि जातक के अन्तर्मन में श्रद्धा का स्तर क्या है। श्रद्धाहीन होने पर ऐसे जातक अपने कल्याण की बात भी नहीं पूछ पाते हैं और ज्योतिषी चाहकर भी उनकी मदद नहीं कर पाता। इसलिए कहा गया है कि जिस विषय, जगह, व्यक्ति पर आपकी श्रद्धा नहीं हो, वहां नहीं जाना ही बेहतर है। अगर जातक में विवेक न होअगर जातक में विवेक न हो, तो ज्योतिषी के सुझाए मार्ग और सूत्रों का भी कोई लाभ जातक को नहीं मिलता है, परिणाम यह होता है कि ज्योतिषी द्वारा पूर्व में सचेत किए जाने के बावजूद भी सावधानी न बरतने के कारण अथवा उपाय आदि नहीं करने की वजह से व्यक्ति हानि से नहीं बच पाता है।भविष्यवाणीय अगर जातक के अन्तर्मन या व्यक्त्तिव से मेल नहीं खाती है तो यह जान लीजिए कि जातक-ज्योतिषी संवाद विफल होने की आशंका सर्वाधिक होती है, जिसके चलते ऐसे जातकों को ज्योतिष शास्त्र से अथवा ज्योतिषी से अच्छे अनुभव नहीं प्राप्त होते।
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