अमितेश सिंह, बलिया: उत्तर प्रदेश में बलिया जनपद को बिहार के सिवान से जोड़ने के लिए सरयू नदी पर जल्द ही एक पक्का पुल बनेगा। यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 531 से जोड़ेगा, जिससे बलिया और सिवान के बीच सीधा सड़क संपर्क स्थापित होगा। इससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी और दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापारिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।   
   
भारतीय किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस पुल के निर्माण के लिए उन्होंने भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर आग्रह किया था।
     
इस शुक्रवार को उनकी गडकरी से फोन पर बात हुई, जिसमें मंत्री ने पुल निर्माण के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताई। गडकरी ने बताया कि इसकी मंजूरी दे दी गई है और सर्वेक्षण और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के आदेश भी जारी हो चुके हैं।
     
पूर्व सांसद ने कहा कि इस पुल के बनने से ना केवल बलिया-सिवान की दूरी कम होगी, बल्कि क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा। उन्होंने यह भी बताया कि बकुलहा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की सैकड़ों एकड़ खाली पड़ी भूमि के उपयोग का प्रस्ताव उन्होंने सांसद रहते हुए दिया था।
   
यह रेल मंत्रालय के विचाराधीन है। रेल मंत्री से उनकी इस विषय पर बात हुई है, जिन्होंने शीघ्र मंजूरी का आश्वासन दिया है। यह परियोजना क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
  
भारतीय किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस पुल के निर्माण के लिए उन्होंने भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर आग्रह किया था।
इस शुक्रवार को उनकी गडकरी से फोन पर बात हुई, जिसमें मंत्री ने पुल निर्माण के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताई। गडकरी ने बताया कि इसकी मंजूरी दे दी गई है और सर्वेक्षण और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के आदेश भी जारी हो चुके हैं।
पूर्व सांसद ने कहा कि इस पुल के बनने से ना केवल बलिया-सिवान की दूरी कम होगी, बल्कि क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा। उन्होंने यह भी बताया कि बकुलहा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की सैकड़ों एकड़ खाली पड़ी भूमि के उपयोग का प्रस्ताव उन्होंने सांसद रहते हुए दिया था।
यह रेल मंत्रालय के विचाराधीन है। रेल मंत्री से उनकी इस विषय पर बात हुई है, जिन्होंने शीघ्र मंजूरी का आश्वासन दिया है। यह परियोजना क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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