नई दिल्ली : बीजेपी नेता बनाम बीजेपी नेता के दिलचस्प मुकाबले का नतीजा आ गया है। बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी बीजेपी नेता और पूर्व सांसद संजीव बालियान को हराकर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव (प्रशासन) पद को अपने पास रखने में कामयाब रहे। पिछले 25 साल से ये पद रूडी के ही पास है लेकिन इस बार बालियान ने उन्हें चुनौती दी। हालांकि रूडी ने जीत दर्ज की। रूडी को 392 और बालियान को 290 वोट मिले।
इसके लिए काफी दिनों से चुनाव प्रचार चल रहा था। इस बार मुकाबला इसलिए ज्यादा दिलचस्प रहा क्योंकि ये बीजेपी के दो सीनियर नेताओं के बीच था। इससे पहले तीन बार ही यहां चुनाव की नौबत आई है और ये चुनाव चौथी बार हुआ। बिहार के सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी और मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद संजीव बाल्यान के बीच कड़ी टक्कर हुई। यह 25 साल में पहली बार हुआ जब रूड़ी को यहां चुनौती मिली वह भी अपनी ही पार्टी के नेता से।
रूडी को कांग्रेस और दूसरे विपक्षी सांसदों का समर्थन
सियासी गलियारों में चर्चा चलती रही कि रूडी को कांग्रेस और दूसरे विपक्षी सांसदों का भी समर्थन मिला। यह भी कहा गया कि विपक्षी सांसद बालियान को सरकार के कैंडिडेट के तौर पर देख रहे थे। मंगलवार को हुई वोटिंग से पहले कई दिनों तक डिनर डिप्लोमेसी भी चलती रही। मुकाबला दो बीजेपी नेताओं के बीच होने से बीजेपी सांसदों को दुविधा भी रही। बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा कि पहली बार बीजेपी बनाम बीजेपी है इसलिए यह हमारे लिए खासकर जो नए लोग हैं उनके लिए काफी कंफ्यूजिंग है।
क्लब के कुल 1295 वोटर
ये सांसदों का क्लब है तो यहां सांसद और पूर्व सांसद ही मेंबर हो सकते हैं। इस क्लब के कुल 1295 वोटर हैं। गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू सहित कई और केंद्रीय मंत्री वोट देने पहुंचे। पिछले काफी दिनों से इसे लेकर सोशल मीडिया सहित वन टू वन प्रचार चल रहा था। संजीव बालियान को सपोर्ट कर रहे बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने राजीव प्रताप रूड़ी पर आरोप भी लगाए और कहा कि ये क्लब अफसरों और दलालों का अड्डा बन गया है और उसे चंगुल से मुक्त करना है।
सिर्फ तीन बार ही चुनाव
वही रूडी ने अपने कार्यकाल में क्लब में बनाई गई नई सुविधाओं का जिक्र किया और एक और कार्यकाल देने की अपील की थी। कांस्टीट्यूशन क्लब के इतिहास में इससे पहले सिर्फ तीन बार ही साल 2009, 2014 और 2019 में चुनाव हुआ। इस बार भी कोषाध्यक्ष, खेल सचिव और संस्कृति सचिव के लिए चुनाव नहीं हुए। कांग्रेस के एपी जितेंद्र रेड्डी कोषाध्यक्ष और राजीव शुक्ला सचिव (खेल) और डीएमके के तिरुची सिवा सचिव (संस्कृति) पद पर बिना चुनाव के ही चुन लिए गए थे।
इसके लिए काफी दिनों से चुनाव प्रचार चल रहा था। इस बार मुकाबला इसलिए ज्यादा दिलचस्प रहा क्योंकि ये बीजेपी के दो सीनियर नेताओं के बीच था। इससे पहले तीन बार ही यहां चुनाव की नौबत आई है और ये चुनाव चौथी बार हुआ। बिहार के सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी और मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद संजीव बाल्यान के बीच कड़ी टक्कर हुई। यह 25 साल में पहली बार हुआ जब रूड़ी को यहां चुनौती मिली वह भी अपनी ही पार्टी के नेता से।
रूडी को कांग्रेस और दूसरे विपक्षी सांसदों का समर्थन
सियासी गलियारों में चर्चा चलती रही कि रूडी को कांग्रेस और दूसरे विपक्षी सांसदों का भी समर्थन मिला। यह भी कहा गया कि विपक्षी सांसद बालियान को सरकार के कैंडिडेट के तौर पर देख रहे थे। मंगलवार को हुई वोटिंग से पहले कई दिनों तक डिनर डिप्लोमेसी भी चलती रही। मुकाबला दो बीजेपी नेताओं के बीच होने से बीजेपी सांसदों को दुविधा भी रही। बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा कि पहली बार बीजेपी बनाम बीजेपी है इसलिए यह हमारे लिए खासकर जो नए लोग हैं उनके लिए काफी कंफ्यूजिंग है।
क्लब के कुल 1295 वोटर
ये सांसदों का क्लब है तो यहां सांसद और पूर्व सांसद ही मेंबर हो सकते हैं। इस क्लब के कुल 1295 वोटर हैं। गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू सहित कई और केंद्रीय मंत्री वोट देने पहुंचे। पिछले काफी दिनों से इसे लेकर सोशल मीडिया सहित वन टू वन प्रचार चल रहा था। संजीव बालियान को सपोर्ट कर रहे बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने राजीव प्रताप रूड़ी पर आरोप भी लगाए और कहा कि ये क्लब अफसरों और दलालों का अड्डा बन गया है और उसे चंगुल से मुक्त करना है।
सिर्फ तीन बार ही चुनाव
वही रूडी ने अपने कार्यकाल में क्लब में बनाई गई नई सुविधाओं का जिक्र किया और एक और कार्यकाल देने की अपील की थी। कांस्टीट्यूशन क्लब के इतिहास में इससे पहले सिर्फ तीन बार ही साल 2009, 2014 और 2019 में चुनाव हुआ। इस बार भी कोषाध्यक्ष, खेल सचिव और संस्कृति सचिव के लिए चुनाव नहीं हुए। कांग्रेस के एपी जितेंद्र रेड्डी कोषाध्यक्ष और राजीव शुक्ला सचिव (खेल) और डीएमके के तिरुची सिवा सचिव (संस्कृति) पद पर बिना चुनाव के ही चुन लिए गए थे।
You may also like
Luxury Cars In India: देखते रह जाएंगे चीन-अमेरिका, फेस्टिव सीजन से जमकर बिकेंगी गाड़ियां
आपदा पीड़ितों के साथ गणेश गोदियाल, प्रभावित इलाकों में डाला डेरा
अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन सनातन संस्कृति, धर्म और समाज की रक्षा के लिए रहा संघर्षरत : प्रकाश पाल
पतंजलि ऋषिकुल ने मनाया अलंकरण समारोह, सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के टॉपर्स हुए सम्मानित
सिंगुर से शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल को घेरा, किसानों की दुर्दशा पर जताई चिंता