पटना: सोमवार की सुबह सिर्फ डेढ़ घंटे की तेज बारिश ने पटना की हालत बिगाड़ दी। ये हम नहीं बल्कि राजधानी पटना के निवासी ऋषभ ने तब कहा जब वो अपने बड़े भाई के साथ गर्दनीबाग के राजपूताना इलाके में एक श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने निकले। हाल ये था कि उनकी नई पल्सर बाइक ने पानी में आधा डूब कर उनके दोस्त अमित और रामानुज की भाभी की बरखी में गर्दनीबाग तक का सफर तय किया। रास्ते में कई बार ऐसा लगा कि गाड़ी कहीं पानी में ही न पलट जाए। ये हाल पटना के अधिकांश इलाकों का है। यूं समझिए कि बिहार का मौसम बिगड़ चुका है।
पटनावाले 2019 वाले डर से सहमे
पटना में 2019 की तेज बारिश ने बाढ़ ला दी थी। शहर के राजेंद्र नगर और बहादुरपुर में सेना के हेलीकॉप्टरों को मोर्चा संभालना पड़ा था। हाल ये हो गया था कि इन इलाकों में NDRD और SDRF की बोट सड़कों पर चलने लगी थी। अब सोमवार और फिर मंगलवार की सुबह तेज बारिश के बाद लोग कांप उठे। पटनावाले इसी डर से सहमे हुए हैं कि कहीं फिर से 2019 वाली बाढ़ जैसे हालात न बन जाएं। राजेंद्र नगर, बहादुरपुर, मीठापुर, गर्दनीबाग, गौड़ियामठ समेत कई इलाकों में भारी जल जमाव के चलते लोगों का सड़कों पर निकलना मुश्किल हो चुका है। हालांकि पटना गया लाइन रोड पर नए बने नालों के चलते पानी का निकास तेजी से हो गया।
इन जिलों में सुबह-सुबह भारी बारिश की चेतावनी
उधर पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने सुबह-सुबह सिवान, सारण, पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, गया जी, जहानाबाद, लखीसराय, नालंदा और मुंगेर जिले में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया। इनमें से कई जिलों में तो भोर से ही तेज बारिश हो रही है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी की बड़ी चेतावनी
उधर पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 'भारत मौसम विज्ञान विभाग के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषणों के आधार पर यह संकेत मिल रहे हैं कि अगले 6-4 दिनों के दौरान बिहार के विभिन्न हिस्सों में मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की प्रबल संभावना है। वर्तमान वायुमंडलीय परिस्थितियां, विशेष रूप से राज्य के ऊपर उत्तर पश्चिमी और पूर्वी हवाओं के परस्पर टकराव/मिलन के चलते अत्याधिक वर्षा के लिए अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं।'
बिहारवाले रहें होशियार!
हालांकि मौसम विभाग की ये चेतावनी दक्षिण बिहार के किसानों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं हैं। पिछले 3 साल से पानी की कमी के चलते रोहतास, पटना के बिक्रम, पाली और नौबतपुर में धान की फसल काफी कम हो रही थी। किसानों को उम्मीद है कि इस बार पिछले सालों जैसी स्थिति नहीं बनेगी और धान की फसल अच्छी हो सकती है। लेकिन आफत शहर और खासतौर पर गंगा, कोसी जैसी नदियों वाले इलाकों में है, जहां बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
पटनावाले 2019 वाले डर से सहमे
पटना में 2019 की तेज बारिश ने बाढ़ ला दी थी। शहर के राजेंद्र नगर और बहादुरपुर में सेना के हेलीकॉप्टरों को मोर्चा संभालना पड़ा था। हाल ये हो गया था कि इन इलाकों में NDRD और SDRF की बोट सड़कों पर चलने लगी थी। अब सोमवार और फिर मंगलवार की सुबह तेज बारिश के बाद लोग कांप उठे। पटनावाले इसी डर से सहमे हुए हैं कि कहीं फिर से 2019 वाली बाढ़ जैसे हालात न बन जाएं। राजेंद्र नगर, बहादुरपुर, मीठापुर, गर्दनीबाग, गौड़ियामठ समेत कई इलाकों में भारी जल जमाव के चलते लोगों का सड़कों पर निकलना मुश्किल हो चुका है। हालांकि पटना गया लाइन रोड पर नए बने नालों के चलते पानी का निकास तेजी से हो गया।
इन जिलों में सुबह-सुबह भारी बारिश की चेतावनी
उधर पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने सुबह-सुबह सिवान, सारण, पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, गया जी, जहानाबाद, लखीसराय, नालंदा और मुंगेर जिले में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया। इनमें से कई जिलों में तो भोर से ही तेज बारिश हो रही है।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी की बड़ी चेतावनी
उधर पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 'भारत मौसम विज्ञान विभाग के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषणों के आधार पर यह संकेत मिल रहे हैं कि अगले 6-4 दिनों के दौरान बिहार के विभिन्न हिस्सों में मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की प्रबल संभावना है। वर्तमान वायुमंडलीय परिस्थितियां, विशेष रूप से राज्य के ऊपर उत्तर पश्चिमी और पूर्वी हवाओं के परस्पर टकराव/मिलन के चलते अत्याधिक वर्षा के लिए अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं।'
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बिहारवाले रहें होशियार!
हालांकि मौसम विभाग की ये चेतावनी दक्षिण बिहार के किसानों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं हैं। पिछले 3 साल से पानी की कमी के चलते रोहतास, पटना के बिक्रम, पाली और नौबतपुर में धान की फसल काफी कम हो रही थी। किसानों को उम्मीद है कि इस बार पिछले सालों जैसी स्थिति नहीं बनेगी और धान की फसल अच्छी हो सकती है। लेकिन आफत शहर और खासतौर पर गंगा, कोसी जैसी नदियों वाले इलाकों में है, जहां बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
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