Computer Science in USA: अगर किसी को विदेश से कंप्यूटर साइंस की डिग्री लेनी होती है, तो उसे अमेरिका जाने की सलाह दी जाती है। इसकी एक मुख्य वजह यहां का बेहतरीन टेक सेक्टर है, जिसने लाखों लोगों की नौकरी दी है। इसमें हजारों भारतीय छात्र भी शामिल हैं। हालांकि, कोविड के बाद से ही अमेरिकी टेक सेक्टर का बेड़ा गर्क है। यहां हजारों लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। गूगल हो या माइक्रोसॉफ्ट या फिर मेटा, हर छोटी-बड़ी टेक कंपनी से हजारों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
Video
द ब्रिज क्रॉनिकलने छंटनी का डाटा इकट्ठा कर एक रिपोर्ट तैयारी की है। इसमें बताया गया है कि अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों को जॉब से निकाला गया है। सबसे बड़ी छंटनी इंटेल में हुई है, जहां दुनियाभर में 12 हजार लोगों की जॉब गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी हजारों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है। अमेजन, गूगल, सेल्सफर्स और सिस्को जैसी कंपनियां भी छंटनी में आगे हैं।
हालांकि, अब यहां सवाल उठता है कि धुआंधार हो रही छंटनी के बीच क्या आपको अमेरिका जाकर कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल करनी चाहिए। ये सवाल बहुत से लोगों के मन में है। आइए इसका जवाब जानते हैं।
क्या अमेरिका में CS पढ़ना फायदे का सौदा है?
अमेरिका का टेक सेक्टर भले ही इस वक्त बड़े उथल-पुथल से गुजर रहा है, लेकिन बावजूद इसके यहां जॉब्स की कमी नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि खुद अमेरिकी सरकार का डाटा चीख-चीखकर इसकी पुष्टि कर रहा है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के मुताबिक, अमेरिका में कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट्स के लिए जॉब आउटलुक यानी हर साल नौकरियों की डिमांड 26% की रफ्तार से बढ़ रही है, जो औसत से ज्यादा है। आमतौर पर मास्टर्स डिग्री रखने वाले लोगों को जॉब में प्राथमिकता दी जा रही है।
हालांकि, अब यहां सवाल उठता है कि अगर टेक सेक्टर में छंटनी हो रही है, तो फिर जॉब्स के लिए डिमांड कैसे है। इसका सीधा सा जवाब ये है कि भले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद एंट्री-लेवल पॉजिशन पर जॉब की कमी हो गई है, लेकिन अभी भी मिड और अपर लेवल पर लोगों की जरूरत है। खुद बहुत सी कंपनियां AI एक्सपर्ट्स, मशीन लर्निंग एक्सपर्ट्स की डिमांड कर रही हैं। ज्यादातर उन लोगों को जॉब मिल रही है, जिनके पास जरूरी स्किल है, खासतौर पर AI की फील्ड में।
इसका मतलब है कि कंप्यूटर साइंस की डिग्री लेना फायदे का सौदा है, लेकिन इस दौरान आपको जरूरी स्किल भी हासिल करनी होंगी। AI संबंधित कंपनियों में आपको आसानी से जॉब भी मिल जाएंगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अगर आपको जॉब मिलती है तो मिड या अपर लेवल पर आपकी जॉब भी सुरक्षित रहेगी। हालांकि, इस दौरान जरूरी स्किल सीखना भी अनिवार्य होगा, ताकि जॉब जाने का खतरा ना हो।
Video
द ब्रिज क्रॉनिकलने छंटनी का डाटा इकट्ठा कर एक रिपोर्ट तैयारी की है। इसमें बताया गया है कि अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों को जॉब से निकाला गया है। सबसे बड़ी छंटनी इंटेल में हुई है, जहां दुनियाभर में 12 हजार लोगों की जॉब गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी हजारों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है। अमेजन, गूगल, सेल्सफर्स और सिस्को जैसी कंपनियां भी छंटनी में आगे हैं।
हालांकि, अब यहां सवाल उठता है कि धुआंधार हो रही छंटनी के बीच क्या आपको अमेरिका जाकर कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल करनी चाहिए। ये सवाल बहुत से लोगों के मन में है। आइए इसका जवाब जानते हैं।
क्या अमेरिका में CS पढ़ना फायदे का सौदा है?
अमेरिका का टेक सेक्टर भले ही इस वक्त बड़े उथल-पुथल से गुजर रहा है, लेकिन बावजूद इसके यहां जॉब्स की कमी नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि खुद अमेरिकी सरकार का डाटा चीख-चीखकर इसकी पुष्टि कर रहा है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के मुताबिक, अमेरिका में कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट्स के लिए जॉब आउटलुक यानी हर साल नौकरियों की डिमांड 26% की रफ्तार से बढ़ रही है, जो औसत से ज्यादा है। आमतौर पर मास्टर्स डिग्री रखने वाले लोगों को जॉब में प्राथमिकता दी जा रही है।
हालांकि, अब यहां सवाल उठता है कि अगर टेक सेक्टर में छंटनी हो रही है, तो फिर जॉब्स के लिए डिमांड कैसे है। इसका सीधा सा जवाब ये है कि भले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद एंट्री-लेवल पॉजिशन पर जॉब की कमी हो गई है, लेकिन अभी भी मिड और अपर लेवल पर लोगों की जरूरत है। खुद बहुत सी कंपनियां AI एक्सपर्ट्स, मशीन लर्निंग एक्सपर्ट्स की डिमांड कर रही हैं। ज्यादातर उन लोगों को जॉब मिल रही है, जिनके पास जरूरी स्किल है, खासतौर पर AI की फील्ड में।
इसका मतलब है कि कंप्यूटर साइंस की डिग्री लेना फायदे का सौदा है, लेकिन इस दौरान आपको जरूरी स्किल भी हासिल करनी होंगी। AI संबंधित कंपनियों में आपको आसानी से जॉब भी मिल जाएंगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अगर आपको जॉब मिलती है तो मिड या अपर लेवल पर आपकी जॉब भी सुरक्षित रहेगी। हालांकि, इस दौरान जरूरी स्किल सीखना भी अनिवार्य होगा, ताकि जॉब जाने का खतरा ना हो।
You may also like
थाइलैंड-कंबोडिया संघर्ष में सीजफायर कराने के लिए हुई डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री
प्रधानमंत्री मोदी देशभर के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत : राममोहन नायडू
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में जीरो टॉलरेंस का दिया बड़ा संदेश: अमित शाह (लीड-1)
झालावाड स्कूल हादसे से मां पर टूटा दुखों का पहाड़, बेटा-बेटी की गई है जान, सूना हुआ आंगन
दक्षिण अफ्रीका को 3 रन से हराकर न्यूजीलैंड ने जीती त्रिकोणीय टी20 सीरीज