सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को केवल दिखावा बताकर इसे रिजेक्ट कर दिया है। सीबीआई को इस केस में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। परिवार के वकील ने रिपोर्ट में सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स की कमी की आलोचना की है और इसके खिलाफ याचिका दर्ज कराने की बात कही है। बताया जा रहा है कि पटना की अदालत इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को करेगी।
सीबीआई अपनी जांच के बाद इस फैसले पर पहुंचा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सुशांत को उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा, धमकाया या आत्महत्या के लिए मजबूर किया । उन्हें इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिला कि रिया ने उनके पैसों या सामान का दुरुपयोग किया। एक्टर की मौत की वजह आत्महत्या बताई गई, जिसके कारण एक लंबी और गहन जांच शुरू हुई। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, क्लोजर रिपोर्ट से ये भी पता चला कि राजपूत ने रिया को 'फैमिली' कहा था।
लीगल टीम ने इस क्लोज़र रिपोर्ट का विरोध किया
अब, सुशांत की फैमिली क्लोजर रिपोर्ट को गलत बताकर इसका विरोध कर रही है। वे इसे सतही और अधूरा बता रहे हैं। सिंह के रिश्तेदारों और उनके लीगल रिप्रजेंटेटिव ने डॉक्यमेंट्स के कन्क्लूज़न पर आपत्ति जताई। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, वकील वरुण सिंह ने कॉमेंट करते हुए कहा है कि ये एक दिखावा है। अगर सीबीआई सच सामने लाना चाहती तो उसे फाइनल (क्लोजर) रिपोर्ट के साथ कोर्ट में चैट, टेक्निकल रेकॉर्ड, गवाहों के बयान, मेडिकल रिकॉर्ड आदि समेट सभी सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते, जो उन्होंने नहीं किया है। वे इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ अब विरोध याचिका दायर करेंगे, जो एक घटिया जांच पर बेस्ड है।
टाइमलाइन पर क्लोजर रिपोर्ट
क्लोजर रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि जांच से पता चला है कि सुशांत ने आत्महत्या की थी। 8 जून, 2020 और 14 जून, 2020 (जिस दिन वह अपने बांद्रा के फ्लैट में मृत मिले) के बीच कोई भी आरोपी व्यक्ति उनके साथ नहीं रहता था। रिया और उनके भाई शोविक 8 जून को घर से चले गए थे और उसके बाद घर नहीं गए।
8 जून से 14 जून के बीच रिया से उनकी कोई बातचीत नहीं
सुशांत ने 10 जून को 2:41 बजे वॉट्सऐप के जरिए शोविक से बात की थी लेकिन 8 जून से 14 जून के बीच रिया से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई थी। रेकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं आया है जिससे ये पता चले कि सुशांत की रिया या उसके परिवार के किसी सदस्य से किसी और तरह से मुलाकात हुई हो। सुशांत की मैनेजर श्रुति मोदी ने फरवरी में पैर में फ्रैक्चर होने के बाद से सुशांत के घर जाना बंद कर दिया था। इसके अलावा, मीतू सिंह (सुशांत की बहन) 8 जून से 12 जून तक उनके फ्लैट में उनके साथ रही थीं।
उकसावे को लेकर अधिकारी का कन्क्लूज़न
अधिकारी ने रिपोर्ट में आगे बताया कि इसलिए, किसी भी आरोपी व्यक्ति द्वारा तत्काल उकसावे/उकसाने का कोई सबूत रेकॉर्ड में नहीं आया है, जिसके कारण सुशांत ने आत्महत्या की हो। एजेंसी ने आगे कहा कि रेकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं आया है जिससे पता चले कि सुशांत को किसी भी आरोपी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से बंधक बनाया गया था या रोका गया था।
रिया और संपत्ति को लेकर दावे
सुशांत के पिता ने रिया और उसके परिवार पर एक्टर पर आत्महत्या के लिए दबाव डालने और उनकी संपत्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। हालांकि, सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि जब रिया अपने भाई के साथ 8 जून को सुशांत का घर छोड़कर गई थीं तो वो अपना एप्पल लैपटॉप और एप्पल वॉच भी ले गई थीं, जो सुशांत ने उसे गिफ्ट में दिए थे। जांच के दौरान रिया या किसी अन्य आरोपी व्यक्ति द्वारा सुशांत की जानकारी के बिना उनके कब्जे से बेईमानी से ली गई किसी भी संपत्ति के बारे में कोई सबूत सामने नहीं आया है। एजेंसी ने यह भी नोट किया कि सुशांत के परिवार द्वारा लगाया गया एकमात्र आरोप यह है कि उसने उन्हें बताया कि रिया ने धमकी दी थी कि अगर वह उनकी बात नहीं मानते हैं वो उनके मेडिकल रेकॉर्ड पब्लिकली कर देंगी। हालांकि, इस सबूत अफवाह के दायरे में बताया गया है।
परिवार के वकील ने रिपोर्ट की आलोचना की
सुशांत की फैमिली की तरफ से केस लड़ रहे वकील वरुण सिंह ने कहा कि केवल ये कहना कि सुशांत सिंह के खाते का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए नहीं किया गया है, पर्याप्त नहीं है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पटना की अदालत 20 दिसंबर को क्लोजर रिपोर्ट मामले पर सुनवाई करेगी।
डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी एक थर्ड पार्टी के सोर्स से दी गई कानूनी सुनवाई पर आधारित है। दिए गए डीटेल्स संबंधित पक्षों द्वारा लगाए गए आरोपों को बताते हैं और सिद्ध तथ्य नहीं हैं। मामला अभी चल रहा है और अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। पब्लिकेशन ये दावा नहीं करता कि आरोप सत्य हैं या नहीं।
सीबीआई अपनी जांच के बाद इस फैसले पर पहुंचा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सुशांत को उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा, धमकाया या आत्महत्या के लिए मजबूर किया । उन्हें इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिला कि रिया ने उनके पैसों या सामान का दुरुपयोग किया। एक्टर की मौत की वजह आत्महत्या बताई गई, जिसके कारण एक लंबी और गहन जांच शुरू हुई। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, क्लोजर रिपोर्ट से ये भी पता चला कि राजपूत ने रिया को 'फैमिली' कहा था।
लीगल टीम ने इस क्लोज़र रिपोर्ट का विरोध किया
अब, सुशांत की फैमिली क्लोजर रिपोर्ट को गलत बताकर इसका विरोध कर रही है। वे इसे सतही और अधूरा बता रहे हैं। सिंह के रिश्तेदारों और उनके लीगल रिप्रजेंटेटिव ने डॉक्यमेंट्स के कन्क्लूज़न पर आपत्ति जताई। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, वकील वरुण सिंह ने कॉमेंट करते हुए कहा है कि ये एक दिखावा है। अगर सीबीआई सच सामने लाना चाहती तो उसे फाइनल (क्लोजर) रिपोर्ट के साथ कोर्ट में चैट, टेक्निकल रेकॉर्ड, गवाहों के बयान, मेडिकल रिकॉर्ड आदि समेट सभी सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते, जो उन्होंने नहीं किया है। वे इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ अब विरोध याचिका दायर करेंगे, जो एक घटिया जांच पर बेस्ड है।
टाइमलाइन पर क्लोजर रिपोर्ट
क्लोजर रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि जांच से पता चला है कि सुशांत ने आत्महत्या की थी। 8 जून, 2020 और 14 जून, 2020 (जिस दिन वह अपने बांद्रा के फ्लैट में मृत मिले) के बीच कोई भी आरोपी व्यक्ति उनके साथ नहीं रहता था। रिया और उनके भाई शोविक 8 जून को घर से चले गए थे और उसके बाद घर नहीं गए।
8 जून से 14 जून के बीच रिया से उनकी कोई बातचीत नहीं
सुशांत ने 10 जून को 2:41 बजे वॉट्सऐप के जरिए शोविक से बात की थी लेकिन 8 जून से 14 जून के बीच रिया से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई थी। रेकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं आया है जिससे ये पता चले कि सुशांत की रिया या उसके परिवार के किसी सदस्य से किसी और तरह से मुलाकात हुई हो। सुशांत की मैनेजर श्रुति मोदी ने फरवरी में पैर में फ्रैक्चर होने के बाद से सुशांत के घर जाना बंद कर दिया था। इसके अलावा, मीतू सिंह (सुशांत की बहन) 8 जून से 12 जून तक उनके फ्लैट में उनके साथ रही थीं।
उकसावे को लेकर अधिकारी का कन्क्लूज़न
अधिकारी ने रिपोर्ट में आगे बताया कि इसलिए, किसी भी आरोपी व्यक्ति द्वारा तत्काल उकसावे/उकसाने का कोई सबूत रेकॉर्ड में नहीं आया है, जिसके कारण सुशांत ने आत्महत्या की हो। एजेंसी ने आगे कहा कि रेकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं आया है जिससे पता चले कि सुशांत को किसी भी आरोपी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से बंधक बनाया गया था या रोका गया था।
रिया और संपत्ति को लेकर दावे
सुशांत के पिता ने रिया और उसके परिवार पर एक्टर पर आत्महत्या के लिए दबाव डालने और उनकी संपत्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। हालांकि, सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि जब रिया अपने भाई के साथ 8 जून को सुशांत का घर छोड़कर गई थीं तो वो अपना एप्पल लैपटॉप और एप्पल वॉच भी ले गई थीं, जो सुशांत ने उसे गिफ्ट में दिए थे। जांच के दौरान रिया या किसी अन्य आरोपी व्यक्ति द्वारा सुशांत की जानकारी के बिना उनके कब्जे से बेईमानी से ली गई किसी भी संपत्ति के बारे में कोई सबूत सामने नहीं आया है। एजेंसी ने यह भी नोट किया कि सुशांत के परिवार द्वारा लगाया गया एकमात्र आरोप यह है कि उसने उन्हें बताया कि रिया ने धमकी दी थी कि अगर वह उनकी बात नहीं मानते हैं वो उनके मेडिकल रेकॉर्ड पब्लिकली कर देंगी। हालांकि, इस सबूत अफवाह के दायरे में बताया गया है।
परिवार के वकील ने रिपोर्ट की आलोचना की
सुशांत की फैमिली की तरफ से केस लड़ रहे वकील वरुण सिंह ने कहा कि केवल ये कहना कि सुशांत सिंह के खाते का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए नहीं किया गया है, पर्याप्त नहीं है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पटना की अदालत 20 दिसंबर को क्लोजर रिपोर्ट मामले पर सुनवाई करेगी।
डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी एक थर्ड पार्टी के सोर्स से दी गई कानूनी सुनवाई पर आधारित है। दिए गए डीटेल्स संबंधित पक्षों द्वारा लगाए गए आरोपों को बताते हैं और सिद्ध तथ्य नहीं हैं। मामला अभी चल रहा है और अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। पब्लिकेशन ये दावा नहीं करता कि आरोप सत्य हैं या नहीं।
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