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भारतीयों को गधों की तरह देखा जाता है... 18-18 घंटे काम, वर्कलोड से लड़की की मौत के बीच किसका छलका दर्द?

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नई दिल्‍ली: बेंगलुरु के एक शख्‍स ने अपनी पत्नी के अर्न्स्ट एंड यंग (EY) में बुरे अनुभव के बारे में बताया है। आकाश वेंकटसुब्रमण्यम के मुताबिक, EY में उनकी पत्नी को 18-18 घंटे काम करना पड़ता था। इस 'जहरीले काम के माहौल' की वजह से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। वेंकटसुब्रमण्यम ने यह बात लिंक्‍डइन पर शेयर की है। यह पोस्ट EY की 26 साल की चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अन्‍ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत के कुछ दिन बाद शेयर की गई है। अन्‍ना की मां का आरोप है कि उनकी बेटी की मौत 'ज्‍यादा काम' करने की वजह से हुई।वेंकटसुब्रमण्यम ने लिखा, 'मेरी पत्नी ने EY की नौकरी जहरीले माहौल की वजह से छोड़ी।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर उसने नौकरी नहीं छोड़ी होती तो मुझे नहीं पता उसके साथ क्या होता।' उन्होंने बताया कि भारत में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) ने 18 घंटे काम करने को सामान्य बना दिया है। इससे कर्मचारियों के लिए एक जहरीला माहौल बन गया है। MNCs भारत के बाहर नहीं करती हैं इस तरह का व्यवहारवेंकटसुब्रमण्‍यम ने काम के प्रति उम्मीदों में अंतर की निंदा की। उन्होंने कहा कि यही MNCs भारत के बाहर इस तरह का व्यवहार नहीं करतीं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'भारतीयों को गधों की तरह देखा जाता है। उन्‍हें काम के बोझ तले दबाया जा रहा है। भारत को एक ऐसी फैक्ट्री की तरह देखा जा रहा है जो हफ्ते के सातों दिन, दिन के 24 घंटे और साल के 365 दिन काम करने को तैयार है।'वेंकटसुब्रमण्‍यम ने सरकार के हस्तक्षेप न करने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार हमसे टैक्स लेने में खुश है। लेकिन, काम करने के लिए बुनियादी मानवीय परिस्थितियां सुनिश्चित नहीं करती है।' उन्होंने आगे कहा कि सरकार नौकरी जाने पर करदाताओं की मदद नहीं करती है। लेकिन, बुनियादी जरूरतें भी नहीं देने पर खुशी-खुशी टैक्‍स वसूलती है। उन्होंने अंत में प्रार्थना की कि यह आखिरी मौत हो। EY जॉइन करने के चार महीने बाद ही कर्मचारी की मौतअन्ना सेबेस्टियन की EY जॉइन करने के चार महीने बाद ही मौत हो गई। EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे एक पत्र में उनकी मां अनीता ऑगस्टाइन ने आरोप लगाया कि संगठन एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देता है जो ज्‍यादा काम को महिमामंडित करती है। ऑगस्टाइन ने कहा कि EY में काम के तनावपूर्ण माहौल के कारण उनकी बेटी की मौत हो गई। लेकिन, कंपनी का कोई भी व्यक्ति उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ।अन्ना ने 2023 के अंत में अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की परीक्षा पास करने के बाद मार्च 2024 में EY के पुणे कार्यालय में काम करना शुरू किया था। अपने लंबे काम के घंटों के कारण वह तनाव, अनिद्रा और चिंता का अनुभव कर रही थीं। अन्ना की मां के अनुसार, अपनी पहली नौकरी के लिए अन्‍ना का शुरुआती उत्साह जल्दी ही तनाव और थकान में बदल गया। हालांकि, उनके परिवार ने उन्हें नौकरी छोड़ने की सलाह दी थी। लेकिन, अन्ना ने खुद को काम पर बने रहने के लिए मजबूर किया। उनसे की जा रही अपेक्षाएं - जिसमें सप्ताहांत और रात में काम करना शामिल था - उनके लिए बहुत ज्‍यादा साबित हुईं। यह सफर मौत तक खत्‍म गया।
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