नई दिल्लीः दिल्ली की हवा इन दिनों इतनी जहरीली हो रही है कि अब मास्क भी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सर्जिकल या कपड़े के मास्क प्रदूषण के सबसे खतरनाक तत्व PM 2.5 के कणों को रोकने में पूरी तरह नाकाम है। एन-95 मास्क ही एकमात्र प्रभावी सुरक्षा कवच जरूर है, लेकिन उसे लंबे समय तक पहनना प्रैक्टिकल नहीं है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि जब तक बेहद जरूरी न हो, तब तक बाहर न निकलें।
बीएलके हॉस्पिटल के लंग्स स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप नय्यर ने कहा कि पल्यूशन में मौजूद PM2.5 के कण को साधारण मास्क रोक नहीं पाता है। अलग बचाव के तरीके अपनाने होंगे। पअभी जो हालात बन रहे हैं. इसमें घर से बाहर जाने पर मास्क का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।
मॉर्निंग वॉक खतरनाककैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा कि एक इंसान एक बार में 500 एमएल हवा लेता है और इतना ही छोड़ता है। इस प्रकार एक मिनट में 12 से 14 बार सांस लेता है। लेकिन, जब वॉक या एक्सरसाइज करता है तो जल्दी-जल्दी और ज्यादा बार सांस लेता है। इसलिए घर में रहे, योग करें, ताकि ब्रीदिंग रेट न बढ़े।
रनिंग में मास्क नहींएन 95 मास्क पहन कर एक्सरसाइज नहीं कर सकते। यह बहुत टाइट होता है, वॉक या एक्सरसाइज में हम तेजी से सांस छोड़ते हैं। ऐसे में मास्क के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है। मास्क पहनने से घुटन हो सकती है। इसलिए मास्क पहनकर वॉक या रनिंग न करें।
मास्क की क्वॉलिटीडॉक्टर ने कहा कि अगर पानी मास्क से आर पार हो रहा है तो ऐसे मास्क पहनने से कोई फायदा नहीं है। मास्क हमेशा नॉन वूवन (Woven) फैब्रिक का हो। थी लेयर मास्क का इस्तेमाल सही माना गया है। श्री लेयर मास्क का मतलब है मास्क में तीन स्तर यानी तीन लेयर है। तभी यह पीएम को रोक सकता है।
कपड़े का मास्क कारगर नहींडॉ. अंशुमान ने कहा कि प्रदूषण के कण को रोकने के लिए तो एन 95 मास्क ही सबसे बेहतर है। कपड़े का मास्क कारगर नहीं। दरअसल, एन 95 मास्क का नाम इसलिए यह पड़ा है क्योंकि वह पीएम 2.5 के कण को 95 परसेंट तक रोकने में सक्षम है। बाकी कोई मास्क इस स्तर पर प्रदूषण के कणों को रोक नहीं पाता है।
बीएलके हॉस्पिटल के लंग्स स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप नय्यर ने कहा कि पल्यूशन में मौजूद PM2.5 के कण को साधारण मास्क रोक नहीं पाता है। अलग बचाव के तरीके अपनाने होंगे। पअभी जो हालात बन रहे हैं. इसमें घर से बाहर जाने पर मास्क का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।
मॉर्निंग वॉक खतरनाककैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा कि एक इंसान एक बार में 500 एमएल हवा लेता है और इतना ही छोड़ता है। इस प्रकार एक मिनट में 12 से 14 बार सांस लेता है। लेकिन, जब वॉक या एक्सरसाइज करता है तो जल्दी-जल्दी और ज्यादा बार सांस लेता है। इसलिए घर में रहे, योग करें, ताकि ब्रीदिंग रेट न बढ़े।
रनिंग में मास्क नहींएन 95 मास्क पहन कर एक्सरसाइज नहीं कर सकते। यह बहुत टाइट होता है, वॉक या एक्सरसाइज में हम तेजी से सांस छोड़ते हैं। ऐसे में मास्क के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है। मास्क पहनने से घुटन हो सकती है। इसलिए मास्क पहनकर वॉक या रनिंग न करें।
मास्क की क्वॉलिटीडॉक्टर ने कहा कि अगर पानी मास्क से आर पार हो रहा है तो ऐसे मास्क पहनने से कोई फायदा नहीं है। मास्क हमेशा नॉन वूवन (Woven) फैब्रिक का हो। थी लेयर मास्क का इस्तेमाल सही माना गया है। श्री लेयर मास्क का मतलब है मास्क में तीन स्तर यानी तीन लेयर है। तभी यह पीएम को रोक सकता है।
कपड़े का मास्क कारगर नहींडॉ. अंशुमान ने कहा कि प्रदूषण के कण को रोकने के लिए तो एन 95 मास्क ही सबसे बेहतर है। कपड़े का मास्क कारगर नहीं। दरअसल, एन 95 मास्क का नाम इसलिए यह पड़ा है क्योंकि वह पीएम 2.5 के कण को 95 परसेंट तक रोकने में सक्षम है। बाकी कोई मास्क इस स्तर पर प्रदूषण के कणों को रोक नहीं पाता है।
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