छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश में कफ सिरप से 24 बच्चों की मौत के मामले में एसआईटी ने आरोपी डॉक्टर की पत्नी ज्योति सोनी को सोमवार को छिंदवाड़ा जिले के परसिया से गिरफ्तार किया है। ज्योति सोनी, जो एक मेडिकल स्टोर चलाती थी, अपने पति प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के बाद से फरार थी। उस पर तमिलनाडु की कंपनी श्रेसन फार्मा द्वारा बनाए गए कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री और वितरण से जुड़े अहम सबूतों से छेड़छाड़ और उन्हें नष्ट करने का आरोप है।
कैसे हुई 24 बच्चों की मौत
बच्चों की मौत गुर्दे फेल होने से हुई, जो कथित तौर पर 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के सेवन के बाद हुई। इस सिरप में 46% से अधिक डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला हुआ पाया गया था, जो एक जहरीला केमिकल है। इस मामले में अब तक कुल 8 से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है। इनमें फार्मा कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन और डॉ. प्रवीण सोनी भी शामिल हैं, जिन्होंने छिंदवाड़ा के परसिया ब्लॉक में अपने निजी अस्पताल में अधिकांश बच्चों को यह दवा दी थी।
कई लोगों पर हुई कार्रवाई
गिरफ्तार डॉक्टर की पत्नी को पुलिस हिरासत में भेजा जाएगा, जबकि अन्य आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। डॉ. सोनी, जो सरकारी परसिया सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ भी थे, को राज्य अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में एक उप औषधि नियंत्रक और दो औषधि निरीक्षकों को भी लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है।
कंपनी फिलहाल बंद
पिछले महीने की शुरुआत में, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा की गई जांच में सिरप में DEG मिलावट की पुष्टि हुई थी। इस त्रासदी के कारण कई राज्यों ने सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है और अपने औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। तमिलनाडु के अधिकारियों ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस रद्द कर दिया है और कंपनी को बंद कर दिया है।
कैसे हुई 24 बच्चों की मौत
बच्चों की मौत गुर्दे फेल होने से हुई, जो कथित तौर पर 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के सेवन के बाद हुई। इस सिरप में 46% से अधिक डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला हुआ पाया गया था, जो एक जहरीला केमिकल है। इस मामले में अब तक कुल 8 से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है। इनमें फार्मा कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन और डॉ. प्रवीण सोनी भी शामिल हैं, जिन्होंने छिंदवाड़ा के परसिया ब्लॉक में अपने निजी अस्पताल में अधिकांश बच्चों को यह दवा दी थी।
कई लोगों पर हुई कार्रवाई
गिरफ्तार डॉक्टर की पत्नी को पुलिस हिरासत में भेजा जाएगा, जबकि अन्य आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। डॉ. सोनी, जो सरकारी परसिया सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ भी थे, को राज्य अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में एक उप औषधि नियंत्रक और दो औषधि निरीक्षकों को भी लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है।
कंपनी फिलहाल बंद
पिछले महीने की शुरुआत में, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा की गई जांच में सिरप में DEG मिलावट की पुष्टि हुई थी। इस त्रासदी के कारण कई राज्यों ने सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है और अपने औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। तमिलनाडु के अधिकारियों ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस रद्द कर दिया है और कंपनी को बंद कर दिया है।
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