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साढ़ेसाती और ढैय्या में हर मंगलवार करें इन 4 स्तोत्र का पाठ, शनि होंगे प्रसन्न, चमका देंगे आपकी किस्मत

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शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती में व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार, शुभ अशुभ फल प्राप्त होता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है। शनिदेव की चाल बाकी ग्रहों की तुलना में सबसे धीमी होती है। शनि करीब 2.5 साल में अपना गोचर करते हैं। शनि इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में कुंभ राशिवालों की शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण, मीन राशिवालों पर शनि साढ़ेसाती का दूसरा चरण और मेष राशिवालों पर शनि साढ़ेसाती का प्रथम चरण शुरू हुआ है। वहीं, सिंह और धनु राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या आरंभ हो चुकी है। शनि का प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को थोड़ा कम किया जा सकता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान इन 4 चीजों के पाठ करने से शनि के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। 1) शनि का साढ़ेसाती और ढैय्या में करें सुंदरकांड का पाठशनि के प्रभाव को कम करने के लिए नियमित सुंदरकांड पाठ करना लाभकारी माना जाता है। साथ ही इसके पाठ से मन शांत होता है। मन में नकारात्मक विचार, भय और चिंता दूर होते हैं। आप सुंदरकांड का पाठ मंगलवार या शनिवार को कर सकते हैं। इसे करना शुभ माना जाता है। 2) शनि के प्रकोप को कम करने के लिए करें हनुमान बाहुक का पाठशनि के साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति मानसिक रूप से काफी अशांत महसूस करता है। ऐसे में हनुमान बाहुक का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। साथ ही इसका पाठ करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसका पाठ करने वाले की रक्षा हर प्रकार के अनहोनी से होती है। 3) शनि साढ़ेसाती और ढैय्या में पढ़ें हनुमान चालीसाशनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में व्यक्ति मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक रूप से काफी परेशान रहता है। ऐसे में नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से और हनुमानजी की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की वक्र दृष्टि और दोषों से रक्षा होती है। हनुमान चालीसा को "संकटमोचन" कहा जाता है। जीवन के कष्ट, बाधा, मुकदमे, रोग आदि से मुक्ति मिलती है। 4) शनि साढ़ेसाती में करें शनि स्त्रोत का पाठशनि की साढ़े साती, ढैय्या, या शनि महादशा के कष्टों में शनि स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति का शनि दोष कम होता है। यह स्तोत्र शनि देव को प्रसन्न करता है और उनकी वक्र दृष्टि से रक्षा करता है। साथ ही शनि स्तोत्र शारीरिक सुरक्षा और दीर्घायु प्रदान करता है। 5) शनि साढ़ेसाती में जरुर करें शनि चालीसा का पाठशनि चालीसा, शनि देव की स्तुति में रचित 40 चौपाइयों का एक शक्तिशाली स्तोत्र है। शनि चालीसा का पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायी होता है जो शनि साढ़े साती, शनि की ढैय्या या शनि महादशा से गुजर रहे होते हैं। शनि चालीसा शनि ग्रह की अशुभ दृष्टि को शांत करती है। साथ ही साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव भी कम करता हैं।
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