ढाका: भारत में रह रही बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को कड़ी चेतावनी दी है। शेख हसीना ने रविवार को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर जमकर निशाना साधा। शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को "स्वार्थी ऋणदाता" करार दिया, जिन्होंने सत्ता की अपनी प्यास बुझाने के लिए विदेशी खिलाड़ियों के साथ मिलकर देश के पतन की साजिश रची है। आठ मिनट के वर्चुअल संबोधन में शेख हसीना ने अबू सईद की हत्या पर भी शक जताया, जो एक प्रदर्शनकारी छात्र था, जिसकी मौत के बाद छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया था। पिछले साल अगस्त में हिंसक प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भागकर भारत आने वाली शेख हसीना ने कुछ दिन पहले बांग्लादेश वापस लौटने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा था कि यही कारण है कि अल्लाह ने उन्हें जिंदा रखा है। रविवार को एक बार फिर से अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने मोहम्मद यूनुस पर बांग्लादेश के इतिहास को मिटाने का आरोप लगाया। शेख हसीना का आरोप था कि मोहम्मद यूनुस, स्वतंत्रता संग्राम में अवामी लीग के योगदान से जुड़े इतिहास को खासतौर पर मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को क्या चेतावनी दी?शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को चेतावनी देते हुए कहा कि "बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन के सभी निशान मिटाए जा रहे हैं। मुक्ति योद्धाओं (स्वतंत्रता सेनानियों) का अपमान किया जा रहा है। हमने उनकी यादों को जीवित रखने के लिए सभी जिलों में मुक्ति योद्धा परिसर बनाए थे, लेकिन उन्हें जला दिया जा रहा है। क्या डॉ. यूनुस इसे सही ठहरा पाएंगे?" उन्होंने मुख्य सलाहकार को चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर आप आग से खेलेंगे, तो यह आपको भी जला देगी।" शेख हसीना समर्थकों को संबोधित करते हुए काफी आक्रामक दिख रही थीं और मोहम्मद यूनुस को सख्त चेतावनी दे रही थीं। देश से भागने के करीब सात महीने के बाद शेख हसीना ने एक बार फिर से अपनी सरकार के पतन के पीछे विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वो ताकतें, बांग्लादेश के नष्ट करना चाहती हैं।आपको बता दें कि मोहम्मद यूनुस ने सालों पहले बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक की तर्ज पर बैंक खोला था, जिसकी इजाजत शेख हसीना ने ही उन्हें दी थी। लेकिन आरोप है कि मोहम्मद यूनुस ने उसमें भारी घोटाला किया था। मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में 'सूदखोर साहूकार' भी कहा जाता है। अपने ग्रामीण बैंक के जरिए मोहम्मद यूनुस ने काफी उच्च दर पर लोन बांटे, जिसे चुकाने में ज्यादातर लोग नाकाम हो गये। हालांकि इसे ही आधार बनाकर अमेरिका के कहने पर उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया था। शेख हसीना का आक्रामक बयान उस वक्त आया है जब मोहम्मद यूनुस के खिलाफ भी गुस्सा बढ़ने लगा है। आरोप लग रहे हैं कि मोहम्मद यूनुस का इरादा इलेक्शन करवाने का नहीं, बल्कि लंबे समय तक अपने हाथों में सत्ता रखने का है। मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की पहचान को खत्म कर रहे हैं और इस्लामिक ताकतें देश में हावी हो चुकी हैं।
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