ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के लिए हालात मुश्किल होते जा रहे हैं, क्योंकि आर्मी चीफ जनरल वकार उज-जमान कभी भी बड़ा कदम उठा सकते हैं। बांग्लादेश आर्मी चीफ मोहम्मद यूनुस को हटाने के लिए कठोर विकल्पों के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। सीएनएन-न्यूज 18 ने खुफिया सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। हाल ही में मीडिया में आए बयानों और उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठकों से आए इनपुट से इसका संकेत मिलता है। मोहम्मद यूनुस जून 2026 तक चुनाव कराए जाने की बात कह रहे हैं, जिससे सेना प्रमुख सहमत नहीं हैं।जनरल जमान ने हाल ही में कमांडिंग अफसरों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में हर हाल में दिसम्बर 2025 तक चुनाव कराए जाने पर जोर दिया था, ताकि अगले साल की शुरुआत में चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपी जा सके। खुफिया सूत्रों के हवाले से न्यूज 18 की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरिम सरकार का कानूनी आधार कमजोर है, क्योंकि बांग्लादेश के संविधान में सरकार के विघटन के 90 दिनों के भीतर चुनाव अनिवार्य है। जनरल जमान का इलेक्शन प्लानइसके पहले रिपोर्टों में कहा गया है कि जनरल जमान शेख हसीना और खालिदा जिया की पार्टियों को एक साथ लाने और देश के लिए चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर जनरल जमान यूनुस से सत्ता हस्तांतरण कराने में विफल रहते हैं, तो वे स्थिति को अस्थायी रूप से संभालने के लिए बांग्लादेश की राजनीति पर नरम नियंत्रण रखना पसंद करेंगे। आपातकाल लागू करने का विकल्प भी मौजूदसेना का मानना है कि चुनाव कराने में देरी करके मोहम्मद यूनुस संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन पर आपातकाल की स्थिति घोषित करने का दबाव बन सकता है। ऐसी आपात स्थिति के दौरान राष्ट्रपति से अंतरिम सरकार को भंग करने और चुनाव में तेजी लाने का आग्रह किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, सेना राष्ट्रपति शहाबुद्दीन पर अनुच्छेद 58 को लागू करने का दबाव बना रही है। संविधान का यह अनुच्छेद संवैधानिक तंत्र टूटने पर राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियों को संभालने का अधिकार देता है।
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