ओट्टावा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर की भारी फीस लगाने के बाद कनाडा इसे अपने लिए बड़े मौके की तरह देख रहा है। कनाडा की कार्नी सरकार भारत से स्किल्ड प्रोफेशनल को आकर्षित करने के लिए सक्रिय रूप से तैयारी कर रही है। H-1B वीजा पर भारी फीस ने कनाडा के तकनीकी और रिसर्च क्षेत्रों के लिए बड़ा अवसर पैदा किया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार किया है और कनाडा के लिए मौका बताया है। कनाडा के इस कदम का भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर होगा, जिसके ट्रंप के H-1B वीजा पर लिए गए फैसलों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है।
कनाडा जल्द लाने वाला है प्रस्ताव
लंदन में पत्रकारों से बात करते हुए मार्क कार्नी ने कहा, 'अमेरिका में अब उतने एच-1बी वीजा धारकों को वीजा नहीं मिलेगा। ये कुशल लोग हैं, और यह कनाडा के लिए एक मौका है। हम जल्द ही इस पर एक प्रस्ताव लाएंगे।' उन्होंने कहा कि हालांकि कनाडाई विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय प्रतिभा पैदा करते हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश अमेरिका जाते हैं। उन्होंने आगे कहा, 'शायद नए परिदृश्य में हम उनमें से एक या दो को बनाए रख सकें।'
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एच1-बी वीजा पर 100000 डॉलर का शुल्क लगा देने के बाद कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना मुश्किल हो जाएगा। कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए यह शुल्क देना होगा। ट्रंप ने इसे अमेरिकियों की नौकरी बचाने के लिए उठाया गया कदम बताया है। इससे भारतीयों को बड़ा नुकसान होगा, जिसकी कुल स्वीकृत H-1B वीजा में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है।
भारतीय टैलेंट पर दुनिया की नजर
भारतीय आईटी प्रोफेशनल की दुनिया में भारी मांग है। ट्रंप के फैसले के बाद कई देश भारतीय टैलेंट तक पहुंच बना रहे हैं, जिनमें जर्मनी, ब्रिटेन समेत कई नाम शामिल हैं। कहा जा रहा है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पहले ही शीर्ष वैश्विक प्रतिभाओं के लिए वीजा शुल्क समाप्त करने के प्रस्तावों पर विचार करना शुरू कर दिया था। स्टार्मर के पास एक वैश्विक प्रतिभा वर्कफोर्स है, जो दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और डिजिटल विशेषज्ञों को ब्रिटेन लाने के विचार पर काम कर रहा है।
जर्मनी ने दिया भारतीयों को ऑफर
इस बीच ट्रंप के एच-1बी वीजा पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद भारत में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने हाल ही में उच्च कुशल भारतीयों से जर्मनी में काम करने का खुला आह्वान किया। उन्होंने कहा, जर्मनी में काम करने वाला औसत भारतीय एक औसत जर्मन से ज्यादा कमाता है। ऊंचे वेतन का मतलब है कि भारतीय हमारे समाज और हमारे कल्याण में बड़ा योगदान दे रहे हैं। हम कड़ी मेहनत और सर्वश्रेष्ठ लोगों को नौकरियां देने में विश्वास करते हैं।
कनाडा जल्द लाने वाला है प्रस्ताव
लंदन में पत्रकारों से बात करते हुए मार्क कार्नी ने कहा, 'अमेरिका में अब उतने एच-1बी वीजा धारकों को वीजा नहीं मिलेगा। ये कुशल लोग हैं, और यह कनाडा के लिए एक मौका है। हम जल्द ही इस पर एक प्रस्ताव लाएंगे।' उन्होंने कहा कि हालांकि कनाडाई विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय प्रतिभा पैदा करते हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश अमेरिका जाते हैं। उन्होंने आगे कहा, 'शायद नए परिदृश्य में हम उनमें से एक या दो को बनाए रख सकें।'
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एच1-बी वीजा पर 100000 डॉलर का शुल्क लगा देने के बाद कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना मुश्किल हो जाएगा। कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए यह शुल्क देना होगा। ट्रंप ने इसे अमेरिकियों की नौकरी बचाने के लिए उठाया गया कदम बताया है। इससे भारतीयों को बड़ा नुकसान होगा, जिसकी कुल स्वीकृत H-1B वीजा में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है।
भारतीय टैलेंट पर दुनिया की नजर
भारतीय आईटी प्रोफेशनल की दुनिया में भारी मांग है। ट्रंप के फैसले के बाद कई देश भारतीय टैलेंट तक पहुंच बना रहे हैं, जिनमें जर्मनी, ब्रिटेन समेत कई नाम शामिल हैं। कहा जा रहा है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पहले ही शीर्ष वैश्विक प्रतिभाओं के लिए वीजा शुल्क समाप्त करने के प्रस्तावों पर विचार करना शुरू कर दिया था। स्टार्मर के पास एक वैश्विक प्रतिभा वर्कफोर्स है, जो दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और डिजिटल विशेषज्ञों को ब्रिटेन लाने के विचार पर काम कर रहा है।
जर्मनी ने दिया भारतीयों को ऑफर
इस बीच ट्रंप के एच-1बी वीजा पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद भारत में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने हाल ही में उच्च कुशल भारतीयों से जर्मनी में काम करने का खुला आह्वान किया। उन्होंने कहा, जर्मनी में काम करने वाला औसत भारतीय एक औसत जर्मन से ज्यादा कमाता है। ऊंचे वेतन का मतलब है कि भारतीय हमारे समाज और हमारे कल्याण में बड़ा योगदान दे रहे हैं। हम कड़ी मेहनत और सर्वश्रेष्ठ लोगों को नौकरियां देने में विश्वास करते हैं।
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