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पाकिस्तान, बांग्लादेश और अब नेपाली सेना... भारत के पड़ोसियों को अपने पाले में ला रहा चीन, करने जा रहा सैन्य अभ्यास

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काठमांडू: अमेरिका से तनाव के बीच भारत और चीन के रिश्‍ते सुधर रहे हैं। गलवान हिंसा के बाद भारत और चीन के रिश्‍तों में आई तल्‍खी अब कम हो गई है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के दौरे पर आए थे और उन्‍होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की। इस बीच चीन जहां नई दिल्‍ली के साथ दोस्‍ती का दिखावा कर रहा है, वहीं चीनी सेना भारत के पड़ोसी देशों में अपनी पहुंच बढ़ा रही है। पाकिस्‍तान को बहुत बड़े पैमाने पर हथियार देने के बाद चीन की नजर बांग्‍लादेश पर है। हाल ही में बांग्‍लादेश के आर्मी चीफ चीन की यात्रा से लौटे हैं। वहीं अब चीन की सेना पीएलए नेपाल की सेना के साथ सैन्‍य अभ्‍यास करने जा रही है। यह अभ्‍यास ऐसे समय पर हो रहा है जब नेपाल और भारत के बीच ल‍िपुलेख-कालापानी सीमा व‍िवाद फ‍िर से गरमा गया है।



नेपाल और चीन की सेना के बीच पांचवां संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास 'सागरमाथा फ्रैंडशिप' 6 सितंबर से नेपा में शुरू होने जा रहा है। नेपाल के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता मनोज कुमार आचार्य ने इस अभ्‍यास का ऐलान किया है। इस पूरे घटनाक्रम पर भारत की नजर है। भारत दशकों से नेपाल की सेना को ट्रेन‍िंग देता आया है। नेपाली गोरखा बड़ी संख्‍या में भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। नेपाल और चीन की सेना का एकसाथ अभ्‍यास करना इस इलाके लिए भी रणनीतिक लिहाज से बेहद अहम है।



नेपाल और चीन में बढ़ रही है सैन्‍य दोस्‍ती

चीन और नेपाल की सेना के बीच यह अभ्‍यास 9 दिन तक चलेगा। इसमें नेपाली सेना के 150 जवान और चीन की सेना के भी करीब इतने ही जवान सैन्‍य अभ्‍यास में ह‍िस्‍सा लेंगे। सैन्‍य अभ्‍यास के दौरान आतंकवाद निरोधक सहयोग, आपदा प्रबंधन और अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जाएगा। इस अभ्‍यास में आईईडी की पहचान करने और उसे नष्‍ट करने, चेक प्‍वाइंट का ऑपरेशन, घुसपैठ रणनीति और सशस्‍त्र रेस्‍क्‍यू मिशन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे पहले चीन के चोंगकिंग में भी शहरी माहौल में आतंकवाद न‍िरोधक अभियान के लिए ट्रेनिंग हुई थी।



नेपाल और चीन के बीच पहला सागरमाथा सैन्‍य अभ्‍यास साल 2017 में शुरू हुआ था। साल 2019 में कोरोना की वजह से यह ड्रिल बंद हो गया था। इसे फिर साल 2023 में शुरू किया गया। आचार्य ने बताया कि यह सैन्‍य अभ्‍यास नेपाल के सामान्‍य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्‍य अभ्‍यास का हिस्‍सा है जिसे आपसी ज्ञान को एक दूसरे को शेयर करने के लिए बनाया गया है। साल 2025 में कहां पर सैन्‍य अभ्‍यास किया जाएगा, इसकी नेपाली सेना ने जानकारी नहीं दी है। नेपाल और चीन के बीच सैन्‍य अभ्‍यास भारत के लिए चिंता का सबब है।



नेपाल -चीन अभ्‍यास पर भारत की नजर

भारतीय सेना नेपाल के साथ 'सूर्य किरण' नाम से अभ्‍यास करती है। इसमें कम से कम 300 जवान दोनों ही देशों के हिस्‍सा लेते हैं। यह अभ्‍यास 19 साल से किया जा रहा है। भारतीय सेना आपदा नियंत्रण, मानवीय सहायता, ऊंचाई वाले में इलाकों में लड़ाई की ट्रेन‍िंग करती है जो उसके क्षेत्र में सीमा सुरक्षा तथा मानवीय मदद के लक्ष्‍यों के अनुरुप है। नेपाल की सेना अमेरिका के साथ भी सैन्‍य अभ्‍यास करती है। नेपाल और चीन की सेना के बीच इस बढ़ती दोस्‍ती पर भारत की पैनी नजर है। चीन लगातार नेपाल में अपना राजनयिक और सैन्‍य प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उधर, बांग्‍लादेश के भी आर्मी चीफ इस समय चीन के दौरे पर हैं जहां हथियार डील पर बातचीत हो सकती है।

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