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न शादी, न डेटिंग, न बच्चे... क्या है दक्षिण कोरिया का 4B आंदोलन, जिसकी ट्रंप की जीत के बाद अमेरिकी महिलाओं में चर्चा

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वॉशिंगटन: अमेरिका में 6 नवम्बर की सुबह जब यह तय हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप ही देश के 47वें राष्ट्रपति बनने वाले हैं, उसी समय अमेरिकी महिलाएं सोशल मीडिया पर दक्षिण कोरिया के 4बी आंदोलन की चर्चा कर रही थीं। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान में साल 2022 में रो बनाम वेड को पलटने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए बार-बार खुद को क्रेडिट दिया। इस फैसले ने अमेरिका में गर्भपात के राष्ट्रीय अधिकार को खत्म कर दिया था। अब ट्रंप की जीत के बाद अमेरिकी महिलाओं की दक्षिण कोरिया के 4बी आंदोलन में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।ट्रंप की जीत के बाद महिलाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'अमेरिकी महिलाओं! ऐसा लगता है कि दक्षिण कोरिया के 4B आंदोलन से प्रभावित होने का समय आ गया है।' एक अन्य महिला ने लिखा, 'दक्षिण कोरिया की महिलाएं ऐसा कर रही हैं। अब समय आ गया है कि हम भी उनके साथ जुड़ें। पुरुषों को अब न कोई इनाम नहीं मिलेगा और न उन्हें हमारा शरीर मिलेगा।' क्या है 4B आंदोलन?इस आंदोलन की शुरुआत कोरियाई महिलाओं ने साल 2019 में की थी। यह चार शब्दों के साथ शुरू किया गया था, जिन्हें कोरियाई शब्द Bi को पहले लगाकर बोला जाता है। इसका मतलब होता है नो यानी नहीं। इसीलिए इसे '4 NO' भी कहा जाता है। क्या हैं चार शब्द?बिहोन (Bihon)- किसी विपरीतलिंगी यानी पुरुष से शादी नहींबिकुलसन (Bichilsan- कोई बच्चा नहींबियोनाए (Biyeonae)- पुरुषों के साथ डेटिंग भी नहींबिसेकसेउ (Bisekseu)- विपरीतलिंग यानी पुरुषों के साथ यौन संबंध नहींचारों शब्दों को देखने के बाद यह समझ आ गया होगा कि 4बी आंदोलन की समर्थक महिलाएं पुरुषों के साथ डेटिंग करने, शादी करने, यौन संबंध बनाने या बच्चे पैदा करने से इनकार करती हैं। आंदोलन के समर्थक शादी को महिलाओं के लिए एक खतरे के रूप में देखते हैं, क्योंकि इसमें उनसे दोहरे काम की उम्मीद की जाती है। महिलाओं को पति के समर्थन के बिना घर संभालना होता है और प्रोफसनल लाइफ की जिम्मेदारी तो होती ही है। कोरिया से बाहर 4बी आंदोलनदक्षिण कोरियाई महिलाओं ने जो आंदोलन शुरू किया था, अब वह देश की सीमाओं को पार करके पहुंच रहा है। चीन का 6बी4टी आंदोलन की प्रेरणा दक्षिण कोरिया से ही मिली है। चीनी महिलाओं ने 4बी के मूल सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए इसमें महिलाओं के प्रति घृणा करने वाले उत्पादों को न खरीदने, कठोर सौंदर्य मानकों को अस्वीकार करने और ओकाटू जैसी कुछ सांस्कृतिक प्रथाओं को भी जोड़ा है।
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