वॉशिंगटन: नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की अटकलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस मामले पर चुप्पी तोड़ दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के बीच संधि की बात की। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। सर्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रुकवाया। ट्रम्प ने मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने की बात भी कही।
अगर सब ठीक रहा तो मैं कई और हस्ताक्षर करूंगा
ट्रंप ने 'अब्राहम एकॉर्ड्स'का भी उल्लेख किया। यह मध्य पूर्व में हुआ था। उन्होंने कहा कि अगर सब ठीक रहा, तो कई और देश इस पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे मध्य पूर्व एकजुट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा 'युगों' में पहली बार होगा।
लोग मुझे जानते हैं, यही काफी
ट्रंप ने आगे कहा कि रूस/यूक्रेन और इजरायल/ईरान के मामलों में भी उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। चाहे कुछ भी हो, उन्हें पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने कहा कि लोग जानते हैं और यही उनके लिए काफी है। उन्हें लोगों की राय की परवाह है। उन्हें नोबेल पुरस्कार मिले या ना मिले, लोगों का समर्थन उनके लिए मायने रखता है।
पाक आर्मी चीफ ने ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की पैरवी की थी
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की थी। उन्होंने ट्रंप के लिए इस पुरस्कार की पैरवी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने के लिए मांगा। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ हुई बातचीत में साफ-साफ क्लियर कर दिया था कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा।
अगर सब ठीक रहा तो मैं कई और हस्ताक्षर करूंगा
ट्रंप ने 'अब्राहम एकॉर्ड्स'का भी उल्लेख किया। यह मध्य पूर्व में हुआ था। उन्होंने कहा कि अगर सब ठीक रहा, तो कई और देश इस पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे मध्य पूर्व एकजुट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा 'युगों' में पहली बार होगा।
लोग मुझे जानते हैं, यही काफी
ट्रंप ने आगे कहा कि रूस/यूक्रेन और इजरायल/ईरान के मामलों में भी उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। चाहे कुछ भी हो, उन्हें पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने कहा कि लोग जानते हैं और यही उनके लिए काफी है। उन्हें लोगों की राय की परवाह है। उन्हें नोबेल पुरस्कार मिले या ना मिले, लोगों का समर्थन उनके लिए मायने रखता है।
पाक आर्मी चीफ ने ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की पैरवी की थी
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की थी। उन्होंने ट्रंप के लिए इस पुरस्कार की पैरवी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने के लिए मांगा। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ हुई बातचीत में साफ-साफ क्लियर कर दिया था कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा।
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