Mutual Fund vs Gold Investment: आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर?
हर निवेशक की इच्छा होती है कि उसका पैसा सुरक्षित रहे और अच्छा रिटर्न भी दे। बीते कुछ सालों में सोना और म्यूचुअल फंड दोनों ने निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया है। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि निवेश के लिए सोना चुना जाए या म्यूचुअल फंड? दोनों विकल्प अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। आइए जानते हैं किसमें निवेश आपके लिए बेहतर रहेगा।
सुरक्षित निवेश का नाम है सोनासोना पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश का प्रतीक माना जाता है। जब शेयर बाजार में अस्थिरता आती है या महंगाई बढ़ती है, तो लोग सोने की ओर रुख करते हैं। सोने के दाम अक्सर समय के साथ बढ़ते हैं, जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सोना आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई से बचाव करता है।
आजकल गोल्ड ईटीएफ के जरिये भी आप आसानी से डिजिटल रूप में सोने में निवेश कर सकते हैं। हालिया वैश्विक तनावों और ट्रेड वार के दौरान सोने की कीमत 1 लाख रुपये के पार चली गई थी।
हालांकि, सोने में निवेश का एक नुकसान भी है — यह न तो ब्याज देता है और न ही डिविडेंड। लाभ केवल तब होता है जब आप बढ़ी हुई कीमत पर इसे बेचते हैं। साथ ही, लंबी अवधि में सोने का रिटर्न इक्विटी म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम रहता है।
म्यूचुअल फंड, विशेषकर इक्विटी फंड, शेयर बाजार से जुड़े होते हैं। जब बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है, तो म्यूचुअल फंड सोने से कहीं ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
लंबी अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड ने महंगाई को पछाड़ते हुए मजबूत रिटर्न दिए हैं। इन फंड्स में निवेश करने का सबसे सरल तरीका है एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान), जो लागत औसत (Cost Averaging) और बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाने में मदद करता है।
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सोना: यदि आप सोने को 36 महीने से कम समय रखते हैं और बेचते हैं, तो मुनाफे पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो आपकी व्यक्तिगत टैक्स स्लैब के अनुसार होता है। 36 महीने से ज्यादा रखने पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स और इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है।
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म्यूचुअल फंड: 23 जुलाई 2024 से नए नियम लागू हुए हैं। यदि आप इक्विटी फंड को 12 महीने से अधिक समय तक रखते हैं, तो मुनाफे पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTGC) के तहत 12.5% टैक्स लगेगा, बशर्ते मुनाफा 1.25 लाख रुपये से ज्यादा हो। शॉर्ट-टर्म गेन पर 20% टैक्स लगेगा।
फिलहाल वैश्विक चिंता और महंगाई के चलते सोना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन जानकारों का मानना है कि जैसे ही बाजार स्थिर होगा और ब्याज दरें घटेंगी, इक्विटी म्यूचुअल फंड सोने की तुलना में बेहतर रिटर्न देने लगेंगे।
लंबी अवधि के लक्ष्यों — जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा आदि के लिए — म्यूचुअल फंड में एसआईपी करना अधिक फायदेमंद माना जा रहा है।
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यदि आप जोखिम से बचना चाहते हैं और पोर्टफोलियो में स्थिरता लाना चाहते हैं, तो सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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यदि आप लंबी अवधि में अधिक रिटर्न चाहते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना कर सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर रहेगा।
आपके निवेश का चयन आपके जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। सोच-समझकर निर्णय लें।
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