News India Live,Digital Desk:(Single Bank Account) अक्सर नौकरी बदलने पर या किसी खास ऑफर के चलते हम कई बैंक अकाउंट खुलवा लेते हैं। यह आम बात लग सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक से ज़्यादा बैंक खाते रखना आपके लिए फायदे से ज़्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है? खासकर वेतनभोगी (Salaried) लोगों के लिए, कई खातों को संभालने के बजाय एक ही बचत खाता रखना ज़्यादा आसान और फायदेमंद होता है। आइए समझते हैं क्यों:
क्यों एक बैंक अकाउंट है बेहतर? (Why One Account is Better?)
आसान मैनेजमेंट: एक खाते का हिसाब-किताब रखना, उसे ट्रैक करना बेहद आसान होता है।
ITR फाइलिंग में सुविधा: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय आपको सारी बैंकिंग जानकारी एक ही जगह मिल जाती है, जिससे प्रक्रिया सरल हो जाती है।
कम झंझट, ज़्यादा फायदे: अक्सर बैंक एक खाते पर कई शुल्क माफ कर देते हैं, जैसे – डेबिट कार्ड का सालाना शुल्क (AMC), SMS सर्विस चार्ज, या मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाला चार्ज (कुछ शर्तों के साथ)।
एक से ज़्यादा बैंक अकाउंट रखने के नुकसान:
धोखाधड़ी का बढ़ता खतरा (Increased Fraud Risk):
जब हम नौकरी बदलते हैं, तो पुराना सैलरी अकाउंट अक्सर इस्तेमाल में नहीं आता और ‘निष्क्रिय’ (Inactive) हो जाता है। ऐसे खातों पर हमारी नज़र कम रहती है और ये धोखाधड़ी करने वालों के निशाने पर आसानी से आ सकते हैं। आपकी जानकारी गलत हाथों में पड़ सकती है या खाते का दुरुपयोग हो सकता है।
CIBIL स्कोर पर बुरा असर (Impact on CIBIL Score):
हर बैंक खाते में एक न्यूनतम औसत बैलेंस (Minimum Balance) बनाए रखना ज़रूरी होता है। कई खाते होने पर यह ध्यान रखना मुश्किल हो सकता है। अगर किसी खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हुआ, तो बैंक पेनल्टी लगा सकता है। यह पेनल्टी आपके CIBIL स्कोर पर नकारात्मक असर डाल सकती है, जिससे भविष्य में लोन लेने में दिक्कत आ सकती है।
बेवजह के खर्चे (Unnecessary Expenses):
हर बैंक खाते के साथ कुछ शुल्क जुड़े होते हैं, जैसे:
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डेबिट कार्ड का सालाना मेंटेनेंस चार्ज (AMC)
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SMS अलर्ट का चार्ज
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न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी
जितने ज़्यादा खाते होंगे, ये सभी शुल्क आपको उतनी ही बार भरने पड़ेंगे, जो आपकी जेब पर बेवजह का बोझ डालते हैं।
पैसों का अटक जाना (Locked Funds & Lost Opportunity):
हर खाते में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने के चक्कर में आपका अच्छा-खासा पैसा यूं ही फंसा रह जाता है। सोचिए, अगर 3 खातों में ₹10,000-₹20,000 मिनिमम बैलेंस रखना है, तो आपका काफी पैसा ब्लॉक हो गया। इस पैसे को अगर आप कहीं और निवेश (जैसे म्यूचुअल फंड या FD) करते, तो शायद आपको बैंक के बचत खाते के 3-4% ब्याज से कहीं ज़्यादा रिटर्न मिल सकता था।
इनकम टैक्स की उलझनें (Income Tax Complications):
इनकम टैक्स के नियम के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में सभी बचत खातों से मिलाकर मिलने वाले कुल ₹10,000 तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है (Section 80TTA)। अगर आपका ब्याज इससे ज़्यादा है, तो उस पर टैक्स लगता है और बैंक TDS भी काट सकता है।
हो सकता है कि आपके किसी एक खाते का ब्याज ₹10,000 से कम हो, लेकिन जब सभी खातों का ब्याज जोड़ा जाए, तो यह सीमा पार हो सकती है। अगर आपने ITR फाइल करते समय इस पूरी ब्याज आय की जानकारी नहीं दी, तो यह अनजाने में हुई टैक्स चोरी मानी जा सकती है और आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आ सकता है।
क्या करें? (What to Do?)
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अपने सभी बैंक खातों की लिस्ट बनाएं।
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जो खाते आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं (खासकर पुराने सैलरी अकाउंट), उन्हें बैंक जाकर विधिवत बंद करवा दें।
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कोशिश करें कि अपनी ज़रूरत के हिसाब से एक या अधिकतम दो खाते ही चालू रखें, जिन्हें आप आसानी से मैनेज कर सकें।
थोड़ी सी सावधानी आपको बेवजह के खर्चों, धोखाधड़ी के जोखिम और टैक्स संबंधी परेशानियों से बचा सकती है।
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