नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 7.4 प्रतिशत रह गई है। आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 330.68 लाख करोड़ रुपये या 3.9 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। सरकार ने अगले पांच वर्षों में अर्थव्यवस्था का आकार पांच ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही थी। जनवरी-मार्च तिमाही में चीन की जीडीपी 5.4 प्रतिशत बढ़ी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत, जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.6 प्रतिशत, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 6.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 7.4 प्रतिशत रही। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी 8.4 फीसदी रही थी। फरवरी में एनएसओ ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
वार्षिक आधार पर विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 12.3 प्रतिशत से घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई है। हालांकि, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई है।
चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले वर्ष की चौथी तिमाही के 11.3 प्रतिशत से घटकर 4.8 प्रतिशत रह गई। जनवरी-मार्च में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले वर्ष की चौथी तिमाही के 8.7 प्रतिशत से बढ़कर 10.8 प्रतिशत हो गई। 2024-25 की अंतिम तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि पिछले वर्ष की चौथी तिमाही की तुलना में 0.9 प्रतिशत से बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गई।
चौथी तिमाही में बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं में 5.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में यह उपयोगिता सेवा 8.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
क्या भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की चौथी या पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है?
नई दिल्ली: हाल ही में नीति आयोग ने घोषणा की कि भारतीय अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। हालाँकि, नीति आयोग ने भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था घोषित करने में जल्दबाजी दिखाई है। क्योंकि आज राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.9 ट्रिलियन डॉलर था। जिसके अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है। हालांकि, एनएसओ ने आगे कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
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