चौथी स्टेज के कोलन कैंसर से TV एक्टर विभु राघव का निधन: जानिए घातक लक्षण और बचाव के उपाय
मनोरंजन जगत के लिए एक दुखद खबर तब आई जब लोकप्रिय टीवी अभिनेता विभु राघव का दुखद निधन हो गया। उन्हें चौथी स्टेज का कोलन कैंसर (बड़ी आंत का कैंसर) था, जिससे वह करीब दो साल से जूझ रहे थे। विभु राघव सोशल मीडिया पर अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी और कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई लगातार साझा करते रहे थे, और उन्होंने इलाज के लिए आर्थिक मदद की अपील भी की थी। उनके निधन ने एक बार फिर इस गंभीर बीमारी और इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानने के महत्व पर प्रकाश डाला है।
क्या है कोलन कैंसर और क्यों बढ़ रहे इसके मामले?
कोलन कैंसर, जिसे कोलोरेक्टल कैंसर या बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है, आंतों में कोशिकाओं के असामान्य विकास से शुरू होता है। आजकल बदलती जीवनशैली, अनहेल्दी डाइट और जागरूकता की कमी के चलते इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
कोलन कैंसर के प्रमुख कारण:
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बढ़ती उम्र: आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में जोखिम अधिक होता है, हालांकि यह युवाओं में भी देखा जा रहा है।
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पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को कोलन कैंसर या आंतों की गंभीर बीमारी रही हो।
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गलत जीवनशैली: प्रोसेस्ड फूड, लाल मांस का अधिक सेवन, फाइबर रहित भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन।
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आंतों के रोग: क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी सूजन संबंधी आंत्र रोग।
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आंत में पॉलीप्स: कोलन में बनने वाले छोटे, गैर-कैंसरयुक्त ऊतक, जो समय के साथ कैंसर में बदल सकते हैं।
कोलन कैंसर के शुरुआती और गंभीर लक्षण, जिन्हें नजरअंदाज न करें:
अक्सर शुरुआत में कोलन कैंसर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन जब यह बढ़ने लगता है तो ये संकेत मिल सकते हैं:
शौच की आदतों में बदलाव: लंबे समय तक कब्ज या दस्त का बना रहना, या शौच के आकार और आवृत्ति में अचानक बदलाव।
मल में खून आना: शौच के साथ चमकीला लाल या गहरा लाल/काला खून आना (जो आमतौर पर बवासीर के साथ भ्रमित हो सकता है)।
पेट में दर्द और ऐंठन: लगातार पेट में असहजता, ऐंठन या दर्द, जो पेट पूरी तरह साफ न होने का एहसास दिलाए।
वजन का अचानक कम होना: बिना किसी ज्ञात कारण के तेजी से वजन घटना।
लगातार थकान और कमजोरी: एनीमिया (खून की कमी) के कारण लगातार कमजोरी और थकान महसूस होना।
गैस और सूजन: पेट में लगातार गैस या फूला हुआ महसूस होना।
बार-बार पेट फूलना: बिना किसी स्पष्ट कारण के पेट का फूला हुआ रहना।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण लगातार या लंबे समय से महसूस हो रहा है, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है। समय पर निदान और उपचार ही इस गंभीर बीमारी से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित जांच कराकर और इन लक्षणों के प्रति जागरूक रहकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है।