भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में एक बड़े सहकारी बैंक पर कठोर कार्रवाई की है और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद, बैंक के लाखों ग्राहकों ने अपना पैसा खो दिया है और अब उनके पैसे डूबने का खतरा बढ़ गया है। RBI ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई क्यों की गई थी और इससे संबंधित बैंक के ग्राहकों का पैसा क्या होगा, यह सवाल अब सबसे बड़ा बन चुका है।
RBI की कार्रवाई: क्या हुआ?गुजरात के अहमदाबाद स्थित कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस RBI ने रद्द कर दिया है। बैंक के पास भविष्य में बैंकिंग कार्य को जारी रखने के लिए आवश्यक जमा पूंजी की कमी थी, जिसके कारण यह कठोर कदम उठाया गया। इसके परिणामस्वरूप, बैंक अपने ग्राहकों को पूरा पैसा लौटाने में असमर्थ रहेगा।
क्या होगा ग्राहकों का पैसा?आरबीआई ने इस मामले में गुजरात के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने का अनुरोध किया है और साथ ही एक समाधानकर्ता (liquidator) नियुक्त करने का आदेश भी दिया है। अब जमाकर्ताओं को उनके जमा किए गए पैसों का कुछ हिस्सा मिलेगा। DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के नियमों के अनुसार, ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की राशि वापस मिल सकती है। जिन ग्राहकों के खाते में पांच लाख रुपये से कम जमा हैं, उन्हें पूरी राशि मिल जाएगी, जबकि जिनके खाते में पांच लाख रुपये से अधिक जमा हैं, उन्हें केवल पांच लाख रुपये की राशि मिलेगी।
DICGC के तहत कैसे मिलेगा पैसा?DICGC के मुताबिक, बैंक में जमा की गई राशि का 98 प्रतिशत हिस्सा 5 लाख रुपये से कम वाले खातों में है। इन ग्राहकों को पूरी राशि वापस मिल जाएगी, लेकिन 2 प्रतिशत ग्राहकों को, जिनके खाते में 5 लाख रुपये से अधिक हैं, केवल 5 लाख रुपये वापस मिलेंगे। इसलिए, जो ग्राहकों के खाते में पांच लाख रुपये से ज्यादा हैं, उन्हें अपना बाकी पैसा खोने का डर है। DICGC ने इस बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं को 13 करोड़ रुपये से अधिक की बीमित जमा राशि दी है।
आरबीआई ने क्या कहा?आरबीआई ने बताया कि इस सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करने का कारण यह था कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और उसकी कमाई की संभावनाएं भी कमजोर थीं। इसके कारण बैंकिंग कार्य में भी प्रभावित हो सकता था। बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत इस बैंक ने कई शर्तों को पूरा नहीं किया, और इसी कारण यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
अब क्या होगा?आरबीआई की कार्रवाई के बाद अब यह सहकारी बैंक किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं कर सकेगा। बैंकिंग सेवाएं बंद हो जाने के कारण जमा स्वीकारने और पुनर्भुगतान की प्रक्रिया भी प्रभावित होगी। आरबीआई का मानना है कि अगर बैंक को काम करने दिया जाता, तो यह आम लोगों पर नकारात्मक असर डाल सकता था।
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