ज्योतिष शास्त्र में पंचक का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह वह अवधि है जब कुछ विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। हर महीने में ऐसे पांच दिन होते हैं, जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में होता है। इन नक्षत्रों का संयोग पंचक कहलाता है। आइए जानते हैं कि मई 2025 में पंचक कब शुरू होगा और इस दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए।
मई 2025 में पंचक की तारीख और समय
मई 2025 में पंचक 20 मई को सुबह 7:35 बजे से आरंभ होगा और यह 24 मई को दोपहर 1:53 बजे तक चलेगा। इस अवधि में विशेष सावधानी बरतनी होगी। चूंकि 20 मई मंगलवार है, इसे अग्नि पंचक कहा जाएगा। इस दौरान आग से संबंधित कार्यों, जैसे गैस या बिजली के उपकरणों का उपयोग, सावधानी से करना चाहिए।
पंचक में क्या न करें?
पंचक के दौरान कुछ कार्यों से पूरी तरह बचना चाहिए, ताकि अशुभ प्रभाव से बचा जा सके। विवाह, सगाई, गृह प्रवेश या मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इसके अलावा, दक्षिण दिशा में यात्रा से बचें, क्योंकि यह दिशा इस समय अशुभ मानी जाती है। लकड़ी के सामान की खरीदारी भी टालें। नए घर का निर्माण या छत डालने जैसे कार्य भी न करें।
पंचक में यात्रा के लिए उपाय
यदि आपको पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करनी है, तो कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। यात्रा से पहले हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें और बजरंगबली को पांच प्रकार के फल चढ़ाएं। पूजा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उपाय पंचक के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
क्यों जरूरी हैं पंचक की सावधानियां?
पंचक का समय ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है और यह भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़ा है। यह अवधि हमें अपने कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करने की सलाह देती है। सावधानी बरतने से न केवल ज्योतिषीय नुकसान से बचा जा सकता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।
पंचक में क्या करें?
पंचक के दौरान शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप कोई काम न करें। इस समय का उपयोग आध्यात्मिक गतिविधियों, ध्यान, योग या परिवार के साथ समय बिताने के लिए कर सकते हैं। दान-पुण्य या जरूरतमंदों की मदद करना भी इस दौरान शुभ माना जाता है।
मई 2025 की तैयारी करें
मई 2025 में पंचक का समय आपके लिए सावधानी और संयम का अवसर है। यदि आप कोई बड़ा कार्य या खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे 24 मई के बाद के लिए टाल दें। अपने कैलेंडर में 20 से 24 मई को चिह्नित करें और परिवार के साथ इस दौरान की योजना बनाएं।
आस्था और संयम का प्रतीक
पंचक का समय हमें अपनी आस्था और परंपराओं से जोड़ता है। यह अवधि हमें सिखाएगी कि सही समय पर सही काम करने से जीवन में संतुलन बना रहता है।
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