राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन विधेयक को स्वीकृति दे दी है, जिसके बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि वक्फ संशोधन अधिनियम के सभी प्रावधान 8 अप्रैल से प्रभावी होंगे। राष्ट्रपति ने 5 अप्रैल को इस कानून को मंजूरी दी थी। यह विधेयक पिछले सप्ताह संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था।
वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में 2 अप्रैल को पेश किया गया था। इसके बाद लगभग 13 घंटे की विस्तृत चर्चा के बाद, यह विधेयक तड़के 2 बजे वोटिंग के आधार पर पारित किया गया। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि 232 वोट इसके विरोध में थे। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके जैसी कई प्रमुख पार्टियों ने इस विधेयक का विरोध किया।
इसके बाद, 3 अप्रैल को यह विधेयक राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया, जहां लगभग 17 घंटे की चर्चा के बाद इसे मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 126 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में केवल 95 वोट थे। संसद से पारित होने के बाद, विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा गया, जहां 5 अप्रैल को इसे मंजूरी मिल गई।
हालांकि, वक्फ कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तात्कालिक सुनवाई से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर लोगों को विभाजित करने की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
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